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२५४ : जैनधर्म को प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएँ प्रकाशश्रीजी, विजयेन्द्रश्रीजी, विद्युतप्रभाश्रीजी आदि ठाणा ७ विद्यमान हैं। विद्युतप्रभाश्रीजी अच्छी लेखिका हैं और डाक्टरेट के लिए शोध प्रबंध 'लिख रही हैं । प्रमोदश्रीजी महाराज का २०३९ पौष बदी १० को बाड़मेर में स्वर्गवास हुआ। (६ ) प्रवर्तिनी जिनश्रीजी
प्रमोद श्री जी के पश्चात् प्रवर्तिनी पद पर प्रवर्तिनी वल्लभश्रीजी महाराज की शिष्या जिनश्रीजी विभूषित हईं। इनका जन्म संवत् १९५७ आश्विन सुदी ८ को तिवरी में हुआ था। पिता का नाम बूरड लाधूरामजी और माता का नाम धुणीदेवी था । संवत् १९७६ में मिगसर सुदी ५ को आपने बल्लभश्री जी महाराज के पास दीक्षा ग्रहण की थी। २०४० वैशाख शुक्ला दूज को आपने प्रवतिनी पद प्राप्त किया था। ८८ वर्ष की वृद्धावस्था
और शारीरिक अस्वस्थता के कारण अभी आप ६ ठाणों से अमलनेर में विराजमान हैं । शिवश्रीजी समुदाय की लगभग ९० साध्वियों का आप नेतृत्व कर रही हैं।
शिवश्रीजी महाराज के समुदाय का ब्यौरेवार विस्तृत इतिहास समय और सामग्री के अभाव के कारण नहीं लिखा जा सका है।
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