Book Title: Jain Dharma ki Pramukh Sadhviya evam Mahilaye
Author(s): Hirabai Boradiya
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 353
________________ २८६ : जैनधर्म की प्रमुख साध्वियां एवं महिलाएं हुआ था। इनकी माँ का नाम श्री प्यारी बाई था और पिता का नाम श्री चम्पालालजी था। इनका विवाह नगदा निवासी श्री वस्तीमलजी सुराणा के साथ हुआ था। किन्तु शीघ्र ही विधवा हो गईं। २१ वर्ष की अवस्था में संवत् १९८८ मार्गशीर्ष कृष्ण पञ्चमी के दिन श्री रतनकुँवरजी की शिष्या बनीं। साध्वी श्री सोहनकुंवरजी इनका जन्म संवत् १९५५ में इन्दौर में हुआ था। इनके माता का नाम दाखाबाई और पिता का नाम श्री इन्द्रचन्द्रजी सुराणा था। इनका विवाह उज्जैन निवासी श्री ज्ञानचन्दजी मूथा के साथ हुआ । साध्वी रत्नकँवरजी से ३४ वर्ष की उम्र में सं० १९८९ माघ शक्ल १३ (त्रयोदशी) के दिन दीक्षित हुईं। वर्तमान में आप शाजापुर में स्थिर वास कर रही हैं। साध्वी श्री पानकुवरजी इनका जन्म सं० १९६३ में शाजापुर ( म० प्र०) में हुआ। इनके पिता का नाम श्री हुक्मीचन्दजो ओस्तवाल था । इनका विवाह कानड निवासी श्री देवबक्षजी के साथ हुआ । आप विवाह के ६ मास पश्चात् विधवा हो गई। ये श्री रतनकँवरजी के प्रतिबोध से वैराग्य प्राप्त होने पर सं० १९९३ की माघ पंचमी के दिन दीक्षित हुईं । आप सरल स्वभावी और स्वाध्यायी साध्वी हैं। वर्तमान में आप शाजापुर ( म० प्र०) में स्थिरवास हैं। साध्वी श्री सूरज कुंवरजी इनका जन्म सं० १९५९ में चिचोंडी पटेल ( अहमदनगर ) में हुआ था । इनके माता-पिता का नाम क्रमशः श्रीमतो राजकुंवर बाई और श्री नेमिचन्द्र जी था। इनका विवाह धवलपुरी (अहमदनगर) निवासी श्री सुलतानचन्दजी पोखरणा के साथ हुआ। इन्होंने धवलपुरी में ही सं० १९९४ मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी के दिन ३५ वर्ष की वय में श्री रतन कुँवरजी से दीक्षा ग्रहण की। साध्वी श्री कुसुमकुंवरजी __ इनका जन्म सं० १९९३ में रांजणी (खानदेश) में हआ। ये श्री बालारामजी की धर्मपत्नी श्रीमती धापूबाई की पुत्री हैं। ये दस वर्ष की उम्र से ही साध्वी श्री रतनकुँवर के सान्निध्य में रहकर हिन्दी तथा धार्मिक ग्रन्थों Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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