Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 03
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh

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Page 23
________________ 19 + ७५२ • विषयमाहा. વિષય પૃષ્ઠ વિષય પૃષ્ઠ नैगमन सारी५-श-सं४८५२५३५ २९ मे .......७४९ | षडुलूकतन्त्रपरामर्शः ....७६४ कालारोपनैगमस्य ............ .............. ७५० वैशेषितन्त्र भु४५ त्रिविधसामान्यविमर्श..........७६४ समारो५ नैगमना ७ मे........................७५० विविधसामान्यविमर्शः ......... ............. ७६५ नैगमस्य त्रयोदश अवान्तरभेदाः .......... जी शत त्रिवि५ सामान्यन विय२९॥ ...........७६५ नययसा२नो संवाह ......... .........७५१ | हिनरभते विविध सत्ता ........... .............७६५ चतुर्विधनैगमस्वरूपविचारः .............................. ७५२ महासत्ता-अवान्तरसता मंगे प्रभानमत ..........७६५ यार 1रे भारीपनाम ......................... सङ्ग्रहनयस्य 'वसुधैव कुटुम्बकमि'ति नैगमनयना नवमे.. ...................... ७५२ भावनाप्रापकत्वम् नैगमनयस्य नवविधत्वम् ........ ७५३ सांध्य संयनयानुयायी : श्रीशीदistयार्थ ..........७६६ नैगममेह अंगे वाहिवसरिभतप्रशन ............७५३ સંગ્રહનય સમત્વભાવને પ્રગટાવે वर्तमान राम सापनाने आता बनावे......... सङ्ग्रहनयसम्मतसिद्धसुखसन्दर्शनम् ................ साधनासाफल्यसुनिश्चायकः तृतीयनैगमः ............. ७५४ सङ्ग्रहार्थभेदको व्यवहारः ............७६८ साधनासाइत्यनो सुनिश्चय .... ७५४ व्यवहार नयनी व्याध्या...... .........७६८ सङ्ग्रहनयपरामर्शः ................ ............. ७५५ व्यवहारे विधिपूर्वं विभजनम् ...................... संडनयनी सम४९। ........ ...७५५ વ્યવહારનયના ચાર સ્વરૂપ ..........७६९ सगृहीत-पिण्डितार्थविचार, .... ७५६ વ્યવહારનય વિધિપૂર્વક વિભાજન કરે ७६९ સંગ્રહનયના બે ભેદ स्थानाङ्गवृत्तिसंवादः. विशेषसङ्ग्रहोपदर्शनम् ....................... ..............७५७ विशेष ४ ५।२मार्थ : व्यवहा२नय.............. अपरसङ्ग्रहनयस्य व्यवहारत्वापत्तिनिवारणम् ....... भगवतीसूत्रसंवादोपदर्शनम् ............................ विशेषधर्म ५९॥ संसा......... ...............७५८ | व्यवहारनयना प्रा२नी ७९॥42 ...............७७१ व्यवछे मनिसायसापेक्ष ....................... ७५८ पूर्वापरविवक्षया सामान्य-विशेषात्मकता वक्षया सामान्य-विशषात्मकता..............७७२ सत्त्वं न द्रव्यत्वम् ............................ ७५९ सामान्य-विशेष३५ता विवक्षाश : व्यवहारनय.....७७२ Gत्या गुम ५ साबित .............. व्यवहारनयम सामान्य-विशेष३५ता सापेक्ष ........७७२ देवसेनमतानुसारेण सङ्ग्रहोपदर्शनम् .................. ७६० । व्यवहारगतशुद्धत्वादिबीजोपदर्शनम् ................... ७७३ શુદ્ધસંગ્રહનયવચન પ્રદર્શન .....७६० सालापद्धति अंथनो संवाह......... ७७३ वादिदेवसूरिमतप्रकाशनम् ................................ ७६१ व्यवहारनयनी मावश्यता......... ..........७७३ द्विवि५ संAs sो साम्पसूरिनु भंतव्य........... सूत्रकृताङ्गवृत्तिसंवादः ................................... ५२-५२संहमतवियार ...... व्यवहा२नय विशे. शाखisयार्थभत .................७७४ सङ्ग्रहवैविध्योपदर्शनम् ................................ ७६२ वस्तुगत-साधनशुद्धव्यवहारनयविचारः ................. ७७५ संनय श्रीदेवयन्द्रनीष्टिमे ....... .......... विविध शुद्ध व्यवहारनय : श्रीवयन्द्र ............७७५ नयचक्रसारसंवादः ................................... विवि५ अशुद्ध व्यवहार नय : श्रीवियन्द्र ..........७७५ भूखसामान्य अवषिशनायि .................. ७६३ | विभजन-प्रवृत्तिव्यवहारनयविमर्शः ...................... ७७६ સંગ્રહનયના ચાર ભેદ શ્રીદેવચન્દ્રજી | अन्य प्र॥२ व्यवहा२नयविमा सममे ..........७७६ 999999999999999 .७५६ ७५८ ........ 9999 99999 ७७४ 9 9 ३

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