Book Title: Dashvaikalik Ek Samikshatmak Adhyayan
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
View full book text
________________ ८-उपमा और दृष्टान्त ६-परिभाषाएँ १०-चूलिका ११-दशवकालिक और प्राचारांग-चूलिका (दशवैकालिक और आचारांग चूलिका के तुलना-स्थल) १२-दशवकालिक का उत्तरवर्ती साहित्य पर प्रभाव १३–तुलना ( जैन, बौद्ध और वैदिक ) द्वितीय अध्याय दशवकालिक का अन्तरंग परिचय १-साधना समनदर्शन साधना के उत्कर्ष का दृष्टिकोण २-साधना के अंग अहिंसा का दृष्टिकोण संयमी जीवन की सुरक्षा का दृष्टिकोण प्रवचन गौरव का दृष्टिकोण परीषह-सहन का दृष्टिकोण निषेध-हेतुओं का स्थूल विभाग विनय का दृष्टिकोण 114 तृतीय अध्याय महाव्रत १-जोवों का वर्गीकरण २-संक्षिप्त व्याख्या अहिंसा और समता पृथ्वी जगत् और अहिंसक निर्देश अपकाय-बल अपजगत् और अहिंसक निर्देश तेजस जगत् और अहिंसक निर्देश वायु जगत् और अहिंसक निर्देश वनस्पति