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की स्थापना हुई। लड़कियों को शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु यह जिले की प्रथम शैक्षिक संस्था थी। वर्तमान में यह संस्था 'जैन कन्या इण्टर कॉलेज' एवं 'जैन कन्या डिग्री कॉलेज के नाम से दो संस्थान
चला रही है। जैन के.के. जैन स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थी एवं अध्यापक
स्कूल कमेटी द्वारा
1934 में ही जैन स्कूल की स्थापना भी की गयी। यह जैन स्कूल वर्तमान में 'जैन इण्टर कॉलेज' के नाम से मेरठ रोड, मुजफ्फरनगर पर स्थित है।
खतौली (मुजफ्फरनगर) में जैन सन्त गणेशप्रसाद वर्णी की प्रेरणा से जैन समाज ने सन् 1926 में प्रसिद्ध जैनाचार्य कुन्दकुन्द स्वामी के नाम से 'कुन्दकुन्द एजुकेशन सोसायटी' की स्थापना की। इस सोसायटी ने 1926 में ही 'के.के. जैन स्कूल' की स्थापना की। इस शिक्षण संस्था को 1936 में सीनियर बेसिक, 1944 में हाईस्कूल तथा 1947 में इण्टरमीडिएट की मान्यता मिली। बाद में जैन समाज ने इण्टर कॉलेज के साथ ही 'के.के. जैन डिग्री कॉलेज' की स्थापना की। खतौली में यह एकमात्र डिग्री कॉलेज था। इस कॉलेज से बड़ी संख्या में ग्रामीण विद्यार्थी भी लाभ उठा रहे हैं। शामली (मुजफ्फरनगर) की जैन समाज ने 1944 में कन्या शिक्षा हेतु 'जैन कन्या इण्टर कॉलेज' की स्थापना की। यह शिक्षण संस्था अपने अनुशासन
और अच्छे शिक्षण के लिए जानी जाती है। मुजफ्फरनगर जिले में जैन समाज द्वारा स्थापित प्राचीन जैन मंदिरों के अलावा जैन औषद्यालय, जैन अतिथि भवन, धर्मशालाएं व अन्य जनकल्याण की संस्थाएं 70 दशक से भी अधिक समय से प्राणीमात्र की सेवा कर रही हैं।
जा मेरठ जनपद में श्री धर्मदास जैन ने 1909 में धर्मदास ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट में उस समय 1 लाख रुपये थे। इस ट्रस्ट के माध्यम से कई शिक्षण संस्थाओं और जैन धर्मशाला की स्थापना की गयी। 1941 में श्री धर्मदास जैन देवनागरी संस्कृत विद्यालय मेरठ की स्थापना हुई।4 मेरठ में जैन बोर्डिंग हाऊस, आचार्य नेमिसागर जैन औषद्यालय, श्री महावीर दिगम्बर जैन कन्या इण्टर कॉलेज, श्रीजैन महागार रात को
फांधकागति गाडकि डिक 26 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान