________________
पाठशालाएँ खोली गयी। ये शिक्षण संस्थायें तब से आज तक निरन्तर उन्नति करते हुए शिक्षा प्रचार का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रही हैं। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार जे.वी.एम. इण्टर कॉलेज नहटौर में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की संख्या 946 तथा अध्यापकों की संख्या 24 है । इसी प्रकार स्योहारा जिला बिजनौर में जैन मंदिर के ही निकट स्थित एस.डी.जे.एम.एस. इण्टर कॉलेज में अध्ययनरत् विद्यार्थियों की संख्या 436 तथा अध्यापकों की संख्या 13 148
बिजनौर जैन समाज के लाला बद्रीदास जैन ने बिजनौर में विशाल जैन मंदिर के निर्माण के साथ ही यात्रियों के ठहरने के लिए जैन धर्मशाला का निर्माण कराया।” बद्रीदास जैन के भतीजे राजेन्द कुमार जैन ने ही 1960 में बिजनौर जिले के सबसे बड़े डिग्री कॉलेज 'वर्धमान कॉलेज' की स्थापना की थी 150
बद्रीदास जैन
अलीगढ़ के सेठ छेदीलाल जैन तथा प्रकाशचन्द जैन द्वारा 1943 में के. एल. जैन ऐजूकेशन ट्रस्ट की स्थापना की गयी। इस ट्रस्ट के द्वारा 1943 में ही सासनी में विद्यामंदिर इंग्लिश स्कूल का प्रारम्भ कराया गया। यह स्कूल वर्तमान में श्री किरोड़ीलाल जैन इण्टर कॉलेज के नाम से पूरे जिले में प्रसिद्ध है । इसी ट्रस्ट द्वारा 'प्रकाश धर्मार्थ होम्यो औषधालय' की स्थापना भी की गयी, जो मानव सेवा में सदैव समर्पित रहता है ।"
हि
मथुरा में चौरासी नामक स्थान पर जैन समाज का प्राचीन सिद्ध क्षेत्र है । यहाँ जैन समाज द्वारा स्थापित विशाल जैन मंदिर, धर्मशालाएं, धर्मार्थ औषध लय तथा कई शिक्षण संस्थायें समाजसेवा कर रही हैं। सेठ रघुनाथदास जैन ने चौरासी के विशाल जैन मंदिर का निर्माण कराया था। 2 1896 में मथुरा में ही जैन समाज की प्रमुख सामाजिक संस्था 'श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा' का प्रथम अधिवेशन हुआ था। इस अवसर पर राजा लक्ष्मणदास जैन (राजा लक्ष्मणदास जैन अखिल भारतीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे) के सहयोग से मथुरा में संस्कृत या जैन महाविद्यालय की स्थापना की गयी थी । इस महाविद्यालय ने काफी समय तक
राजा लक्ष्मण दास
34 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान