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घ. श्रीयुत् गणेशीलाल जैन नाहटा कलकत्ता उन्होंने अपनी वकालत को त्याग दिया है ।
ङ. श्रीयुत् मनीलाल जैन तथा कालीदास गणेशदास जैन जौहरी ने अपनी सरकारी उपाधियाँ त्याग दी हैं । 2
इस सम्मेलन में एक बजट भी पास किया गया, जिसे देश हित में खर्च करने का निर्णय लिया गया । इस सम्मेलन से लौटकर संयुक्त प्रान्त के जैन समाज के प्रतिनिधि ब्रह्मचारी सीतलप्रसाद, दिग्विजय सिंह, महात्मा भगवानदीन ने पूरे संयुक्त प्रान्त का दौरा करके जैन समाज को असहयोग आन्दोलन में भाग लेने को प्रेरित किया ।
मुजफ्फरनगर जिले के जैन समाज ने असहयोग आन्दोलन में पूरे जोश के साथ भाग लिया। 6 फरवरी 1919 को रौलट एक्ट के विरोध में जबरदस्त हड़ताल की गई, इसी दौरान जनपद में कांग्रेस की शाखा खोली गयी, जिसके संस्थापकों में उग्रसेन जैन सर्राफ प्रमुख रहे। महात्मा गाँधी भी इसी दौरान प्रथम बार जिले में पधारे। 1920 में मुजफ्फरनगर में प्रथम राजनीतिक सम्मेलन हुआ जिसमें पं. सुन्दरलाल ने पधारकर असहयोग का प्रस्ताव प्रचंड बहुमत से पास कराया । "
असहयोग आन्दोलन का प्रस्ताव पास होते ही बाबू सुमतप्रसाद जैन, उग्रसेन जैन, उल्फतराय जैन आदि ने जैन समाज के सहयोग से पूरे जनपद में भ्रमण किया तथा विदेशी शासन की नीतियों से जनता को अवगत कराया। उ.प्र. सूचना विभाग के अनुसार सुमतप्रसाद जैन आत्मज होशयार सिंह जैन सन् 1920 में कांग्रेस में सम्मिलित हुए तथा प्रत्येक आन्दोलन में भाग लेकर उन्होंने जेल यात्रायें की । "
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सुमतप्रसाद जैन के योगदान को देखते हुए कांग्रेस ने 1923 में हुए नगरपालिका के चुनाव में उन्हें अपना प्रत्याशी चुना । श्री जैन के परिश्रम एवं लोकप्रियता का यह परिणाम हुआ कि कांग्रेस के सभी सदस्य भारी वोटों से जीते । सुमतप्रसाद जैन नगरपालिका के पहले चेयरमैन बने । श्री जैन 1923-26 तक नगरपालिका के चेयरमैन रहे ।' असहयोग आन्दोलन के दौरान पूरे जनपद में विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आन्दोलन उन्होंने अपने हाथों में ले लिया । उनके नेतृत्व के कारण पूरे जनपद में विदेशी वस्त्रों के त्याग एवं बहिष्कार ने गति पकड़ ली । प्रमुख दैनिक समाचार पत्र 'आज' में छपा - कस्बा मीरांपुर ( जिला मुजफ्फरनगर) के बजाज ने यह प्रण किया है कि वह आइन्दा विदेशी माल नहीं मंगायेंगे। तमाम बजाज ने हल्फनामे पर हस्ताक्षर कर दिये हैं । यहाँ के हलवाइयों ने भी विदेशी शक्कर इस्तेमाल करना बन्द कर दिया है । स्थानीय कांग्रेस कमेटी ने शराब का बहिष्कार इस जोश के साथ किया कि ठेकेदार ने स्वयं ही शराब बेचना छोड़ दिया ।
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सुमतप्रसाद जैन जिला मजिस्ट्रेट तथा अन्य सरकारी अधिकारियों से कभी नहीं डरे, उनके साहस की सर्वत्र बड़ी प्रशंसा होती थी । एक घटना उल्लेखनीय है
46 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान