Book Title: Bhartiya Swatantrata Andolan Me Uttar Pradesh Jain Samaj Ka Yogdan
Author(s): Amit Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 178
________________ मिष RANAधारको रोमो मा KARNINTRO TD - पदार य पसार यापार्यमा का जायका NE 10501 दिवसको। .. to N AA New जाषि निसा Maes यो बदायरे ममती स्वदेशी - मामा मशात्मा (मोहनदास करमचंद गांवीत्री मनमान एमपरकी भावानुमान सुमारास हिन्यो र (समा विकार महिलाओं को शराब पीने वालों की दुकानों पर जाकर भी सत्याग्रह de 9. करना चाहिए। पुनः जैन महिलाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने लिखा-जैन मई दिगम्बर जैन प्रान्तिकसमाका साशाहिकपत्रा महिलाओं! आप इस kोनियरि) समास प्रवक-युवचन्द मिनदास कापड़िया। INTERVव, सुस्वार देवाय मुदीरा पीर संवत १४५६ सा० ८.१९१०. सत्याग्रह संग्राम में बढ़-चढ़कर भाग लें। जेनमित्रके २० वर्षक उपहार प्रन्यतत्त्वभावनाकी वी०पी० होरही है. मिलते ही उडाले। ऐसे पवित्रता के कार्यों में आपको संकोच की लिये एमबाट माला आवश्यकता नहीं है। हमारे श्राविकाश्रम महात्माजी कारावासमें।। बम्बई की छात्राएं Franो ले भान नित्यप्रति समुद्र से पानी लाकर नमक बार बनाती हैं तथा और मिरमान से सम भी तमाम राष्ट्रीय By दे - Raपमा वि कार्यों में भाग लेती हैं। अब जैन विदेशका कोषमा महात्मा गांधीजी महिलाओं को पीछे 'जैन मित्र' के प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित नहीं रहना चाहिए। देशभक्ति से ओतप्रोत कविताकार उन्हें विदेशी वस्त्रों का मारा परित्याग कर खादी पहननी चाहिए तथा देश को स्वतंत्र बनाने में पूर्ण सहायक बनना चाहिए। । महात्मा गाँधी की गिरफ्तारी पर जैन मित्र ने अपने मुख पृष्ठ पर गाँधी जी का चित्र प्रकाशित किया। इसी पृष्ठ पर पंडित परमेष्ठीदास जैन ने 'महात्मा जी कारावास में', शीर्षक से एक कविता लिखी-मिशान काजी "है हिन्द के हित का विधाता आज कारावास में। लगिया सरकार की दीवाल हैं बस चार जिसके पास में।। यामानात जैसे रूई में दबाकर कोई रखे अंगार को। का वैसे रखा है जेल में उस शांति के अवतार को।। यायावर (नकारी नाममा माको लहिण माता मारावास में । सारीमानस बार जिसके पास। माधाकर मारी। सेवा में समातिले अाकारको मेहरबार दिलायी मारे पानी गरी , उसमा यहाँपर काम जब मिट हापमा सरकार मेसा मामी। बनाने काको प्रमाटित महोगा मागो জাত নম্বর হবি আলা হয় কার স্থান । पर परदेशियोका हाथ अधिकार मारतचापका सपूर्ण मिल जागा Hariज मी शांति पागेन। मिल्योको बहिसा-सत्यदयानमा साकार रमपम माविक बार एसो बढ़ाकर पाटी गावी गरेर जेटमें यापरवरमिडेगा यमपना खेतमें।। (HI) गर 176 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान

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