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सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान 'जैन मित्र' ने लगातार जैन वीरों के समाचार प्रकाशित किये। 'जैन मित्र' का एक समाचार था 'शामली के शिखरचन्द जैन और दुलीचन्द्र जैन पकड़े गये हैं । शिखरचन्द जैन ने इस आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया। 29 मार्च, 1930 को उन्हें 6 महीने जेल हुई तथा वे मुजफ्फरनगर और फैजाबाद जेलों में रखे गये।" उसी प्रकार दुलीचन्द जैन आत्मज प्रताप सिंह जैन ने नमक सत्याग्रह आन्दोलन में सन् 1930 में 6 मास कैद की सजा पायी। एक समाचार था-' - 'कैराना में बाबू दीपचन्द्र जैन (बी.ए. वकील) को सत्याग्रह करते हुए गिरफ्तार किया गया। सूचना विभाग उ. प्र. सरकार द्वारा प्रकाशित 'स्वतन्त्रता संग्राम के सैनिक' पुस्तक के अनुसार दीपचन्द जैन पुत्र मुसद्दीलाल जैन ने गिरफ्तारी देने के लिए जाते हुए देशभक्त नमक सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान सन् 1930 में 6 मास कैद की सजा पायी। प्रारम्भ से ही कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता रहे सुमतप्रसाद जैन को इस आन्दोलन में भाग लेने के कारण 6 मास की कड़ी कैद हुई । वे मुजफ्फरनगर, आगरा, बरेली आदि कारागारों में रखे गये।" इस आन्दोलन में कार्य करनेवालों में उल्फतराय जैन का नाम अग्रणीय स्वतंत्रता सेनानियों में लिया जाता है। जिलाधिकारी क्रुकशैंक की विदाई पार्टी के दौरान हुए प्रदर्शनों की शिकायत पर उल्फतराय जैन सहित 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई तथा 12 अगस्त 1930 को दफा, 379, 453 के अंतर्गत उन्हें 6 महीने कैद की सजा दी गई।"
चरथावल थाना तितावी निवासी बनवारीलाल जैन ने इस आन्दोलन के दौरान सन् 1932 में 6 मास कैद की सजा पायी।" श्री जैन के प्रयासों से चरथावल में अनेक राष्ट्रप्रेमियों ने सक्रिय होकर देश के लिए कार्य किया। इनके पुत्र चुन्नालाल जैन भी बाद के आन्दोलनों में जेल गये। मौहल्ला अबुपुरा मुजफ्फरनगर निवासी महावीर जैन सुपुत्र यादराम जैन ने भी नमक सत्याग्रह आन्दोलन के दौरान 12.04. 1930 को 1 साल कैद तथा 60 रुपये जुर्माने की सजा पाई । "
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78 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान