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जा आज सविनय अवज्ञा आन्दोलन और जैन समाज
या 20%
महात्मा गाँधी ने विभिन्न शांतिपूर्ण तरीकों से ब्रिटिश सरकार को यह समझाना चाहा कि वह शीघ्र से शीघ्र भारत को पूर्ण स्वाधीनता प्रदान कर दें, परन्तु सरकार द्वारा सदैव नकारात्मक उत्तर ही मिलता रहा। अंततः गाँधी जी ने 12 मार्च, 1930 को अपने 78 अनुयायियों के साथ साबरमती आश्रम से प्रस्थान करके 200 मील की पदयात्रा करते हुए 6 अप्रैल, 1930 को 'दांडी' के समुद्र तट पर पहुँचकर नमक कानून को भंग किया। इस कानून के भंग होने के साथ ही पूरे देश में 'सविनय अवज्ञा आन्दोलन' चलाने का निर्देश गाँधी जी द्वारा दिया गया। आन्दोलन के तहत पूरे देश में सर्वत्र नमक बनाया गया। सत्याग्रही कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह 'सत्याग्रह
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सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान समुद्र तट पर नमक बनाते देशभक्त
76 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान