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भाग लिया था, जिसके कारण सरकार ने उन्हें एक वर्ष कड़ी कैद और 25 रुपये जुर्माने की सजा दी थी। अमरोहा (मुरादाबाद) निवासी रघुबीरशरण जैन की धर्मपत्नी श्रीमती प्रेमकुमारी जैन इस दौरान वर्धा गयी हुई थी। उन्होंने वर्धा में ही इस आन्दोलन में भाग लिया। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और उन्हें नागपुर की जेल में बंद रखा गया।
__ जिला फर्रुखाबाद में इस आन्दोलन के दौरान देशप्रेमी कार्यकर्ताओं ने इंदरगढ़ (तिरवा) के थाने पर हमला बोलकर वहाँ के थानाध्यक्ष से पिस्तौल छीन ली। आन्दोलनकारियों ने सरकारी सम्पत्ति को भी नष्ट करने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रमुख कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया तथा सामान्य कार्यकर्ताओं पर बुरी तरह लाठी चार्ज किया। फर्रुखाबाद जिले के मेरापुरा गाँव में पुलिस ने भयंकर गोलीबारी की, जिसमें कई कार्यकर्ता शहीद हो गये। जैन समाज के विशम्भरदयाल जैन, गुरधर जैन, रामरतन जैन, मनसुखराय जैन, दिलसुखराय जैन आदि कार्यकर्ताओं ने इस आन्दोलन में अपना सहयोग दिया। विशम्भरदयाल जैन ने अपनी इस मंडली के साथ अंग्रेजी सरकार के विरोध में निकाले गये जुलूस में भाग लिया। उ.प्र. सरकार के अनुसार विशम्भर दयाल जैन पुत्र अनोखे दयाल जैन ने व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी सक्रिय भाग लिया था। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें 6 महीने की कड़ी कैद और 100 रुपये जुर्माने की सजा दी थी। उनके अलावा अन्य जैन कार्यकर्ताओं ने भी इस आन्दोलन में भाग लेने के कारण अंग्रेजी सरकार के क्रोध का सामना किया।7
___ जिला इटावा में कृष्णलाल जैन पुत्र झुन्नीलाल जैन के नेतृत्व में जैन समाज ने भारत छोड़ो आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया। कृष्णलाल जैन 1940 में फार्वर्ड ब्लॉक के आन्दोलन में भाग लेने के कारण 6 माह जेल काट चुके थे। उन्होंने 'कर्मवीर' के सम्पादक के रूप में गोरी सरकार के विरोध में अनेक लेख प्रकाशित किये। अंग्रेजी सरकार ने उन्हें कई बार आन्दोलन में काम न करने के लिए नोटिस दिया, परन्तु उन्होंने इसकी परवाह न करके देश के लिए कार्य करना जारी रखा। इस कारण सरकार ने व्यक्तिगत सत्याग्रह के दौरान श्री जैन को पहले 2 माह नजरबंद रखा और उसके बाद 18 महीने कड़ी कैद की सजा दी। कृष्णलाल जैन यह सजा भोगकर जब बाहर आये, तो उन्होंने अपने साथी शिवसहाय जैन, किशन लाल जैन आदि के साथ फिर आन्दोलन में सहयोग करना प्रारम्भ कर दिया। सरकार ने उन्हें फिर बंदी बना लिया और इस बार उन्हें 1 साल 6 माह नजरबंद रखा गया। उनके साथी शिवसहाय जैन ने भी व्यक्तिगत सत्याग्रह और भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लेने के कारण दो बार जेल यात्रा की तथा 18 माह कड़ी कैद की सजा पायी।
— गाँव बन्दा कोतवाली इटावा निवासी झुमुलाल जैन के पुत्र किशनलाल जैन
138 :: भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में उत्तरप्रदेश जैन समाज का योगदान