Book Title: Bharat ki Khoj
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Osho Rajnish

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Page 24
________________ भारत की खोज । है। वह कहता है. 'बिना प्रेम करके सोच-विचार करके मां-बाप तय करेंगे, पंडित परोहित तय करेंगे कि विवाह होगा। जब तक पंडित परोहित कंडली जन्म और इन सारी बातों को देखकर और मां-बाप विवाह तय करेंगे तब तक दहेज जारी रहेगा। क्यों? क्योंकि जहां प्रेम नहीं है वहां पैसे के अतिरिक्त और किसी चीज से संबंध नह होता। या तो दो व्यक्तियों के वीच में प्रेम हो तो पैसा खड़ा नहीं होता, और अग प्रेम ना हो तो पैसा ही एक मात्र संबंध का रास्ता रह जाता है। सारा मूल्क इनक र करता है कि दहेज मिटना चाहिए। अभी कोई पंद्रह दिन हा प्राइमरी स्कल के शिक्षक मेरे पास आए। गरीब आदमी हैं. लड़की का विवाह करना है। तो मुझसे कहने लगे कि एक इंजीनियर युवक से विवा ह की बात चल रही है लेकिन वह बारह हजार रुपए मांगता है। उन्होंने बहुत विरो ध मेरे सामने जाहिर किया कि यह तो बहुत ज्यादती की बात है। मैंने उनसे कहा ि क, ‘पहली तो बात यह है कि इंजीनियर आप इंजीनियर लड़के से विवाह क्यों करन [ चाहते हैं। किसी चमार लड़के से विवाह क्यों नहीं करते, किसी मजदूर लड़के से ि ववाह क्यों नहीं करते। आप यह तो कहते हैं कि लड़का वारह हजार रुपए मांगता है, लेकिन लड़के तो हजार रुपए महीने मिलते हैं इसीलिए आप उसके साथ विवाह कर रहे हैं। सौ रुपए वाले मेहनताना पाने वाले लड़के से विवाह करने को आप भी राजी नहीं हैं। दुनिया में आप यह कहेंगे कि मैं तो विवाह करने को राजी हूं लेकिन वह लड़का ह जार, वारह हजार रुपए मांगता है। लेकिन आप उस लड़के की तरफ क्यों उत्सुक हु ए, क्योंकि उसको हजार रुपए महीने मिलते हैं। आप भी रुपए का ही विचार कर र हे हैं। वह भी रुपए का ही विचार कर रहा है। गलती कहां है? और गलती तब त क जारी रहेगी, कि जब तक लड़के और लड़कियों को प्रेम से तय करने का मौका नहीं मिलता। एक वार प्रेम वीच में आ जाए फिर पैसे का कोई सवाल नहीं। लेकिन मां-बाप को यह बर्दाश्त नहीं है, दहेज बर्दाश्त है। विवाह के साथ चलने वाली सार ी ना समझीयां बर्दाश्त है, लेकिन प्रेम बर्दाश्त नहीं है। और प्रेम को रोकने के लिए सारा इंतजाम किया हुआ है। शिक्षकों से लेकर मां-बाप तक, युवक और युवतियों के बीच सिपाहियों की तरह तैनात हैं। उनके बीच प्रेम पैदा ना हो जाए, और बड़े मजे की बात है वह समझते हैं कि प्रेम के पैदा हो जाने से अनैतिकता पैदा हो जाएगी। जबकि सच यह है कि जिस समाज में विवाह बिना प्रेम के होता है वह समाज बुनियादी रूप से अनैतिक हो जाता है। क्योंकि जीवन में इससे बड़ी अनीति नहीं है कि एक व्यक्ति एक ऐसी स्त्री के साथ रहने को राजी हो जाए जिससे उसका प्रेम नहीं। इससे ज्यादा इममोरेल इससे ज्यादा अनैतिक और को ई बात नहीं हो सकती। लेकिन अगर एक युवक और युवती में प्रेम हो और उनका बच्चा पैदा हो जाए तो हम कहेंगे इललीगल है नाजायज है। जवकि सच यह है कि जिन पुरुष और स्त्री में प्रेम नहीं है। और किसी पंडित ने सात चक्कर लगाकर उनका विवाह करवा दिया उ Page 24 of 150 http://www.oshoworld.com

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