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भारत की खोज
नहीं हो सका कैसे होगा? शूद्रों में बगावत भी पैदा नहीं हुई। इसीतरह स्त्रियों को ि शक्षा से वंचित किया गया कि स्त्रियों को शिक्षा मत मिलने दो, अन्यथा वगावत हो जाएगी। इसलिए सारे परुषों ने यह साजिश की कि स्त्री शिक्षित ना हो पाए। इसलि ए दनिया में स्त्री को अशिक्षित रखा गया। अशिक्षित स्त्री का मालिक हआ जा सक ता है शिक्षित स्त्री का नहीं. शिक्षित स्त्री का नहीं। शिक्षित स्त्री का मालिक होना क ठिन है। क्योंकि कोई भी शिक्षित व्यक्ति किसी को मालिक मानने को राजी नहीं हो
सकता। शिक्षित व्यक्ति अपना खुद मालिक हो सकता है। दूसरे को मालिक नहीं हो ने दे सकता है। मालकियत गंदगी है और मालकियत रास्ता है। पुरुष को पति होना पति का मतलब
होता है मालिक, स्वामी, स्त्रियां लिखती हैं चिट्ठी के नीचे आपकी दासी, और पति देव बहुत प्रसन होते हैं। और स्त्रियां भी सोचती हैं कि बड़े प्रेम की बात लिख रही हूं अब दासीयों में और स्वामीयों में कभी प्रेम हो सकता है। प्रेम होता है दो समान स्तर के लोगों में, दासी और स्वामी में क्या प्रेम हो सकता है। पुरुष को पति होने में बहुत रस है। इसीलिए तो हम देश के प्रधान को राष्ट्रपति क हते हैं। राष्ट्रपत्नी अगर कोई स्त्री बन गई तो हम कहने को राजी नहीं होंगे। कोई स त्री राजी नहीं होगी कि राष्ट्रपत्नी है ऐसा कैसे हो सकता है। लेकिन राष्ट्रपति, राष्ट्र पति हो सकते हैं आप। क्योंकि पुरुषों की यह दुनिया है पुरुषों ने यह दुनिया वनाई है। स्त्री एतराज नहीं करती कि राष्ट्रपति का क्या मतलब होता है? सब के पति, कोई स्त्री एतराज नहीं करती कि हम राष्ट्रपति नहीं मान सकते किसी आदमी को। क्योंकि पति के संबंध में हमारी धारणा ही भूल गई कि वह स्वामी होने की बात है।
लेकिन अगर पुरुष को स्वामी रहना है तो स्त्री को अशिक्षित रखना पड़ेगा। इसलिए स्त्रियों की सारी शिक्षा बंद कर दी। उन्हें अशिक्षित रखा गया। अशिक्षित स्त्रियां विद्र
ही नहीं हो सकतीं। पश्चिम में भूल हो गई पुरुषों से स्त्रियों को शिक्षा दी और वगा वत शुरू हो गई। हिंदुस्तान में भी बगावत होगी। स्त्रियां शिक्षित होंगी और वगावत होगी। इसी मित्र ने एक बात और पूछी है उसने पूछा है कि, 'स्त्रियां भी शिक्षित हो जाती हैं। फिर वह कुछ नहीं करती सिर्फ गहने पहनती है, अच्छी साड़ियां पहनती हैं और घरों में वैटकर गपशप करती हैं और कुछ भी नहीं करतीं।' वह गपशप करेंगी, और गहने पहनेंगी, और साड़ियां पहनेंगी। क्योंकि पुरुषों ने सिवा य इसके उन्हें कुछ भी नहीं सीखाया। पुरुषों ने उन्हें गुड्डियां बनाना सीखाया। आदमी वनने की हिम्मत उनमें नहीं है। कोई स्त्री गुड्डी के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। और स्त्री जब गहने पहनती है तो आप यह मत समझना कि यह स्त्री पहनती है। स्त्री ग हने पहनती है लेकिन इज्जत पति को मिलती है। और पति चाहता है कि स्त्री गहने पहनकर उसके साथ बाजार में चले। वह पति विलकुल साधारण सा कमीज पहने हु
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