Book Title: Bharat ki Khoj
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Osho Rajnish

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Page 139
________________ भारत की खोज अब जैसे स्त्री जा रही है और सड़क पर एक आदमी का धक्का लग गया, और वह घबरा गई, यह पुरुष ने उसमें पैदा किया हुआ है । अगर स्त्री सड़क पर चलते आद मी के धक्के से घबराती है तो पुरुष के समान कभी नहीं हो सकती। उसको घर में बंद रहना पड़ेगा। और जब पति उसको लेकर निकले तब निकलना पड़ेगा। मैं आगरा से लौट रहा था। मेरे साथ एक यह यह जो मामला है ना, एक पति और उनकी पत्नी थे। तो पति जैसे ही गाड़ी मे चढ़े उन्होंने नीचे हाथ बढ़ा या पत्नी को चढ़ा लेने के लिए मैंने उनकी पत्नी को कहा कि, 'इंकार कर दो कि यह बात गलत है। क्योंकि मैं चढ़ सकती हूं। प्रेम के लिए धन्यवाद । लेकिन यह बात गलत है। मैं जिस सीढ़ी पर चढ़ सकती हूं उस पर तुम्हारा हाथ पकड़ कर चढूं यह बात गलत है।' उसने कहा, ‘लेकिन क्यों? मैंने कहा, 'फिर तुम अपने हाथ से डिपेनडेंस को पालती हो। और तुम इसमें खुश हो रही होगी यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन ऐसा मौका नहीं तुमने कभी दिया कि तुम गाड़ी में पहले चढ़ गई हो, और तुमने हाथ पकड़कर पति को ऊपर लिया हो ।' तो पति इंकार कर देता कि, 'इनसल्टिंग।' आप मतलब समझ रहे हैं ना, अगर आ पकी पत्नी ट्रेन में चढ़ जाएं और ऐसे हाथ बढ़ा कर कहे कि, 'आओ. तुम क होगे इनसल्टिंग। आसपास के लोग देखकर क्या कहेंगे कि गैर समाज की बात है। ले कन आप चढ़ जाओगे, और पत्नी को हाथ बढ़ाओगे, पत्नी बड़ी खुश होगी यह बहु त सम्मानपूर्ण लगेगा उसको । हां, तो हम उसको सिखाएंगे सारी बातें। वाचक- एक बात कि लेडिज को अपना हाथ दे दो ऊपर ले लो। जरूरत हो तो हाथ देना चाहिए लेडिज को नहीं किसी को भी लेडिज का सवाल नह ीं है। मेरा मतलब समझ रहे हैं ना आप, जगह-जगह मेरी क्लास होती थी तो लड़ कयों को अलग बैठने का है, लड़कों का अलग। मैंने लड़कियों से कहा कि, 'तुम जब तक इतनी भी हिम्मत नहीं जुटा सकती कि लड़कों के साथ बैठो, तब तक तुम भी स्वतंत्र नहीं हो सकती।' मेरी क्लास में मैंने कहा, 'यह मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा । अगर मेरी क्लास में बैठना है जो जब आ जाए और जहां जिसे जगह मिल जाए वह वहां बैठ जाए।' यह लड़कियां एक झुंड बना कर एक कौने में बैठी हुई हैं। लड़के झुंड बनाकर एक कौने में बैठे हुए है। यह बिलकुल अतिष्ठ है और असंस्कृत मालूम होता है। अनकलचर्ड मालूम होता है। अनकल्चर्ड है यह । हम कहते हैं कि सभा में महिलाओं के लिए विशेष सुविधा है। सारी महिलाओं को मुकदमा चलाना चाहिए। सभा के संयोजकों पर । क्योंकि विशेष सुविधा क्यों है ? विशे प सुविधा हमेशा कमजोरों को दी जाती है इसका खयाल नहीं हमको, विशेष सुविधा कमजोरों के लिए दी जाती है । और विशेष सुविधा मिलने से कमजोर और कमजोर होता चला जाता है। क्योंकि वह विशेष सुविधा के एक्सपेकटेशन मानता है । और प श्चिम में वह कहते हैं कि, 'लेडिज फर्स्ट, और स्त्रियां बड़ी खुश होती हैं। उनको बि लकुल इंकार करना चाहिए कि नहीं जो फर्स्ट है वह फर्स्ट, लेडिज का क्या सवाल है Page 139 of 150 http://www.oshoworld.com

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