Book Title: Bharat ki Khoj
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Osho Rajnish

View full book text
Previous | Next

Page 143
________________ भारत की खोज ती है क्योंकि सारा समाज गलत है। और उस गलत चीज के अनकल है सारा समा ज। अव हजारों लाखों साल तक गलत चीजें चलती हैं, उससे कोई मतलब नहीं है। वाचक-ठीक आदमी को सक्सैस होने में बड़ा मुश्किल हो जाता है। ठीक आदमी को सक्सैस होने में समय लगता है। वहत समय लगता है और यह भी हो सकता है कि उसकी जिंदगी में कोई सक्सैस ना हो और अक्सर ऐसा हआ है क ठीक आदमी अपनी जिंदगी में सक्सैस नहीं हो सके। हजारों साल मर जाएं, मर जाने के बाद उनको बल मिला हो और लोगों को समझ में आया और वह बात ठी क थी। और गलत आदमी एक दम सक्सैस फूल हो सकते हैं। गांधी की सक्सैस फिन मिनल है ऐसा कोई आदमी अपनी जिंदगी में इस तरह सफल नहीं हो सकता, और गांधी जो कहते हैं भारत का जो मूढ़ चित्त है उसको वह अपील होता है। मेरा मत लब समझ रहे है ना, वह जो हमारा चित्त है वह बना हुआ है वह उसको अपील क रता है कि बिलकुल ठीक है यह बात। गांधी की सफलता गांधी के गलत होने की वजह से है। और यह भी हो सकता है ि क गांधी के खिलाफ जो बात कही जाए ठीक उल्टी दिशा में, वह सफल ना हो पाए इतनी जल्दी। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लोग कहते हैं कि, 'सत्य हमेशा जीतता है। लेकिन अकसर ऐसा होता है कि असत्य जीतता है, सत्य को बहुत प्रती क्षा करनी पड़ती है। क्यों करनी पड़ती है क्योंकि जिन लोगों से हम बात कर रहे हैं उनका पूरा का पूरा दिमाग निर्मित है इस तरह से। अव जैसे कि जिन्ना सक्सैस नहीं हुआ, सफल नहीं हुआ, जिन्ना सफल हुआ! मुसलमा न इतिहास में लिखा जाएगा कि जिन्ना जैसा सफल आदमी खोजना मुश्किल है। क्या होती और सफलता। लेकिन जिन्ना मुसलमानों का नेता कैसे हो सका? क्योंकि मुस लमानों में जो वेवकूफी है उसको वह सहारा दे रहा है। इसलिए वह नेता है। फिलो सफर है ना जिन्ना की जो सफलता है वह. . . वाचक-वह सफलता समाप्त हो जाएगा तो जीना व्यर्थ हो जाएगा ना। समझदार मुसलमान हो जाएं तो जिन्ना से एकदम छुटकारा हो जाए। समझदार मुसल मान हो जाए तो मुसलमान होने से छुटकारा हो जाए। जिन्ना तो गया। मेरा मतलब यह है कि जिन्ना तो तभी तक है जब तक वह नासमझी है, लेकिन जिन्ना पूरी तर ह सफल हुए। इसमें क्या असफलता है लेकिन किस चीज को अपील किया उन्होंने व ह जिस चीज को अपील किया वह चीज ही गलत है। मेरी जो दृष्टि है यह यह तय नहीं होता, कि कौन सफल हो गया। इसलिए कोई सही नहीं होता। इसलिए कोई सही नहीं होता तो वह तो लोग जैसे जैसे तैयार होते चले जाएंगे मैं गांधी जी के पूरे विचार के वि रोध में हूं, एक एक इंच। लेकिन मैं दिखाई नहीं पड़ता ना। वाचक-जैसे आज आप कह रहे हैं कल आप कह दें. . . कल आपको लगेगा कि गां धी ठीक कह रहे हैं. . . तो आपको सुनने वाले कहां चले जाएंगे? Page 143 of 150 http://www.oshoworld.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150