Book Title: Bharat ki Khoj
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Osho Rajnish

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Page 63
________________ भारत की खोज जट्टी थे उन्होंने उसके ऊपर एक सुपरवाईजर रखा। लेकिन घर में और हैरानी हई द ध में और ज्यादा पानी आने लगा, क्योंकि सुपरवाईजर का हिस्सा भी जुड़ गया। रविंद्रनाथ के पिता ने उन्हें बुलाकर कहा कि, 'अब और चीफ सुपरवाईजर रखने का इरादा तो नहीं है।' रविंद्रनाथ के भाई ने कहा, 'मेरा तो इरादा है। मैं तो किसी त रह इस इस पानी को आने से रोकंगा।' एक और आदमी को जो निकट परिवार से संी धत है उनको चीफ सपरवाइजर रखा। उसी दिन पानी में एक मछली भी आ गई । रविंद्रनाथ के पिता ने कहा, 'सबको विदा कर दो, क्योंकि जिस बात की सुरक्षा के । तुम उपाय कर रहे हो, वह सब उपाय और सुरक्षा मांगेंगे, फिर और सुरक्षा मा गेंगे, फिर और सुरक्षा मांगेंगे। और इसका कोई अंत नहीं है।' आदमी जो इंतजाम करता है पहले वह धन कमाता है कि धन से भय से मुक्त हो जाएगा। मेरे पास धन है फिर धन है इसका भय पैदा हो जाता है कि कहीं चोरी ना चला जाए धन, तो तिजोरी खरीद कर लाता है। तिजोरी में ताले लगाता है। फिर डरता है कि यह चावी चोरी ना चली जाए। फिर रात भर सोता नहीं, फिर इस । चावी की फिक्र करता है, फिर घर पर पहरेदार रखता है, फिर डर लगता है कि क ही पहरेदार ही भीतर घुसकर बंदूक छाती से ना लगा दे। और यह डर चलता चला जाता है। और यह इंतजाम, यह इंतजाम, और यह इंतजाम होता चला जाता है। स्टेलिन और हिटलर के संबंध में कहा जाता है, उन्होंने अपने डवल रख छोड़े। स्टेलि न ने एक आदमी रख छोड़ा था जो स्टेलिन जैसा दिखाई पड़ता था। और अब यह व डे मजे की वात है आदमी नेता होना चाहता है इसलिए कि हजारों लाखों लोगों की भीड़ उसे स्वागत करे। लेकिन जब हजारों लाखों लोगों की भीड़ उसे स्वागत करती तो डर पैदा होता है कि कोई गोली ना मार दे। तो स्टेलिन ने एक आदमी रख छो. डा था जो स्टेलिन जैसा दिखाई पड़ता था स्टेलिन अपने कमरे में बंद रहता और जब हजारों लोगों की भीड़ में जाना पड़ता तो वह नकली स्टेलिन हाथ जोड़कर वहां ख. डा रहता स्वागत करता। क्योंकि कोई गोली मार दे तो नकली आदमी मरे। किस लिए यह भीड़ इकट्ठी की थी? यह भीड़ इसलिए इकट्ठी की थी कि कभी हजार लोग सम्मान देंगे, उसका मजा लेंगे, और जो भी भीड़ इकट्ठी कर लेता है फिर भी ड से बचना पड़ता है। फिर पहरेदार इकट्ठे करने पड़ते हैं। फिर राष्ट्रपति के आस पा स बंदूकें चल रही है कि कहीं कोई मार ना दे। कहीं कोई पत्थर ना फैंक दे, फिर खतरा बढ़ता चला जाए। तो फिर असली राष्ट्रपति नहीं चलेगा घोड़ा गाड़ी में, नक ली राष्ट्रपति चलेगा असली राष्ट्रपति घर के भीतर बंद रहेगा। हिटलर ने मरते दम तक शादी नहीं की। मरने के दो घंटे पहले शादी की। क्योंकि हटलर इतना भयभीत था कि पता नहीं पत्नी जहर दे दे। सब पर तो पहरा रखोगे, पत्नी पर कैसे पहरा रखोगे? पत्नी तो उसी कमरे में सोएगी जिसमें आप सोते हो। रात को उठे और गर्दन दवा दे, कोई पत्नी को मिला ले, विश्वास नहीं किया जा सकता किसी दूसरे का। तो हिटलर ने शादी नहीं की। जिस स्त्री से उसका प्रेम चल ता था वारह वर्षों से वह उसका टालता रहा, कि अभी मुझे फूर्सत नहीं है, कुछ लो Page 63 of 150 http://www.oshoworld.com

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