________________
भारत की खोज
थक है, पहले एक कारण और था पुरुष ताकतवर है वह कारण अब बेईमानी हो ग या। अब उसका कोई मतलब नहीं है। अब उसका मतलब ही नहीं रहा है क्योंकि व ह तो हमारे विकास ने उसको व्यर्थ कर दिया। अब दूसरा कारण रह गया है। आर्थि क का, जैसे रूस है तो रूस में पुरुष की सुपेरिटी विलीन हो गई है। क्योंकि स्त्रियां कमा रही हैं, उतना ही जितना पुरुष कमा रहा है।
और जब एक स्त्री पुरुष से विवाह करती है। तो फैमिली बनती है रूस में, हिंदुस्तान में तो बन ही नहीं सकती। क्योंकि स्त्री विलकुल ही खाली हाथ खड़ी होती है। वह कुछ करेगी नहीं, वह सिर्फ निर्भर रहेगी । सारी चिंता पर उस पर है। सारी परेशान उस पर है नहीं कमाए, परेशान हो तो वह चिंता करे इसकी उसको कोई फिक्र न हीं है। वह डिमांड करती चली जाएगी। तो इसके बदले में तुम्हें गुलाम होना पड़ेगा, इनफिरीयर होना पड़ेगा, इसके बदले में कुछ तो पुरुष मांगेगा, कि कम-से-कम तुम हमारी दासी तो रहो। हमारे पैर तो छूआ करे । स्वभावतः उसकी मांग एकदम नाजा यद भी नहीं है। और अगर हम कहते हैं कि नहीं हम यह भी नहीं करेंगे । और यही हम जारी रखेंगे सिलसिला, तो यह मांग नाजायज है।
तो मेरा कहना है कि स्त्री को आर्थिक रूप से पैर पर खड़े होने की हिम्मत जुटानी चाहिए। और अगर घर में भी वह काम करती है तो उस काम का भी आर्थिक वि नयोग होना चाहिए। वह काम तो काफी करती है लेकिन उसका आर्थिक मूल्य नहीं है। जैसे तुम एक रसोईया घर में रखते हो। तो उसको तुम पचास रुपए महीने देते हो। एक कपड़ा धोने वाला रखते हो तो उसको तुम पचास रुपए महीना देते हो, ए क गुहारी लगाने वाला रखते हो तो उसको भी बीस रुपए महीना देते हो। वह पत्नी यह सब कर रही है वह दो सौ रुपए महीने का काम वह कर रही है लेकिन इसक कोई आर्थिक हिसाब नहीं है।
इसका आर्थिक हिसाब होना चाहिए । लेकिन यह कोसीयसनेस जितनी बढ़ेगी, तब सा फ होगा। तो एक तो स्त्री को पूरे आर्थिक रूप से स्वनिर्भर. पति नहीं चाहेगा कि स्वनिर्भर स्त्री हो, इसलिए पति कहेगा कि मेरे इज्जत के खिलाफ है कि तुम कुछ काम करो। क्योंकि तुम जैसे ही स्वनिर्भर हुई वैसे ही पति की सुपेरीटी गई। इसलिए पति कभी नहीं चाहेगा कि स्त्री कमाए पति कहेगा कि जब मैं हूं तुम्हें कमाने की क
या जरूरत I
मैं जब नहीं रहूं तब सवाल है। मैं जब कमा सकता हूं तो तुम क्यों कमाओगी? औ र स्त्री इससे बड़ी खुश होती है कि पति कितनी प्रेम की बातें कर रहा है लेकिन व हुत गहरे में पति यह कह रहा है कि तुमने कमाया तो तुम मुक्त हो गई । तब मेरी गुलाम नहीं हो सकती ।
वाचक- अभी बहुत लड़कियां जो कमा भी रही हैं वह भी गुलाम हैं । दूसरे कारण.
Page 136 of 150
http://www.oshoworld.com