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सात्यकि और रुद्रको कथा
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ग्रास बनेगा । इसलिए अभी तुझे सम्हल जाना चाहिए। जिससे कुगतियोंके दुःख न भोगना पड़ें। रुद्र पर उनके इस कहनेका भी कुछ असर न हुआ। वह और अपनी दुष्टता करता ही चला गया । सच है, पापियों के हृदय में गुरुओं का अच्छा उपदेश कभी नहीं ठहरता ।
एक दिन रुद्रमुनि प्रकृतिके दृश्योंसे अपूर्व मनोहरता धारण किये हुए कैलास पर्वत पर गया और वहाँ तापन योग द्वारा तप करने लगा । इसके बीच में एक और कथा है, जिसका इसीसे सम्बन्ध है । विजयार्द्ध पर्वतकी दक्षिण श्रेणी में मेघनिबद्ध, मेघनिचय और मेघनिदान ऐसे तीन सुन्दर शहर हैं। उनका राजा था कनकरथ । कनकरथकी रानीका नाम मनोहरा था । इसके दो पुत्र हुए। एक देवदारु और दूसरा विद्युज्जिह्व । ये दोनों भाई खूबसूरत भी थे और विद्वान् भी थे । इन्हें योग्य देखकर इनका पिता कनकरथ राज्यशासनका भार बड़े पुत्र देवदारुको सौंप आप गणधर मुनिराजके पास दीक्षा लेकर योगी बन गया । सबको कल्याणके मार्ग पर लगाना ही एक मात्र अब इसका कर्त्तव्य हो गया ।
दोनों भाइयोंकी कुछ दिनोंतक तो पटी, पर बादमें किसी कारणको लेकर बिगड़ पड़ी। उसका फल यह निकला कि छोटे भाईने राज्यके लोभ में फँसकर और अपने बड़े भाईके विरुद्ध षड्यंत्र रच उसे राज्यसे निकाल दिया । देवदारुको अपने मानभंगका बड़ा दुःख हुआ। वह वहाँसे चलकर कैलास पर आया यहीं पर रहने भी लगा । सच है, घरेलू झगड़ोंसे कौन नष्ट नहीं हो जाता । देवदारुके आठ कन्याएँ थीं और सब ही बड़ी सुन्दर थीं । सो एक दिन ये सब बहिनें मिलकर तालाब पर स्नान करनेको आईं। अपने सब कपड़े उतारकर ये नहानेको जलमें घुसीं । रुद्र मुनिने इन्हें खुले शरीर देखा । देखते ही वह कामसे पीड़ा जाकर इन पर मोहित हो गया । उसने अपनी विद्या द्वारा उनके सब कपड़े चुरा मँगाये । कन्याएँ जब नहाकर जल बाहर हुई तब उन्होंने देखा कपड़े वहाँ नहीं; उन्हें बड़ा ही आश्चर्य हुआ । वे खड़ी खड़ी बेचारी लज्जाके मारे सिकुड़ने लगीं और व्याकुल भी वे अत्यन्त हुई । इतने में उनकी नजर रुद्रमुनि पर पड़ी। उन्होंने मुनिके पास जाकर बड़े संकोचके साथ पूछा-प्रभो, हमारे वस्त्रोंको यहाँसे कौन ले गया ? कृपाकर हमें बतलाइए । सच है, पापके उदयसे आपत्ति आ पड़ने पर लज्जा संकोच सब जाता रहता है । पापी रुद्र मुनिने निर्लज्ज होकर उन कन्याओंसे कहा -- हाँ मैं तुम्हारे वस्त्र वगैरह सब बता सकता हूँ, पर इस शर्त पर कि यदि तुम मुझे चाहने लगो । कन्याओंने तब कहा - हम अभो अबोध ठहरीं, इसलिये हमें इस बात
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