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आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद
वाहन चार प्रकार के हैं । यथा-एक वाहन बैठने की सामग्री (मंच आदि) से युक्त है और वेग युक्त है । एक वाहन बैठने की सामग्री (मंच आदि) से युक्त है किन्तु वेग युक्त नहीं है । एक वाहन बैठने की सामग्री युक्त नहीं है किन्तु वेग युक्त है । एक वाहन बैठने की सामग्री युक्त भी नहीं है और वेग युक्त भी नहीं है । इसी प्रकार पुरुष चार प्रकार के हैं । यथा-एक पुरुष धन धान्य सम्पन्न है और उत्साही हैं । एक पुरुष धनधान्य सम्पन्न है किन्तु उत्साही नहीं है । एक पुरुष उत्साही है किन्तु धन धान्य सम्पन्न नहीं है । एक पुरुष धनधान्य सम्पन्न भी नहीं है और उत्साही भी नहीं है । यान के चार सूत्रों के समान युग्म के चार सूत्र भी कहें और पुरुष सूत्र भी पूर्ववत् कहें ।
सारथी चार प्रकार के हैं । यथा-एक सारथी रथ के अश्व जोतता हैं किन्तु खोलता नहीं है । एक सारथी रथ के अश्व खोलता है किन्तु जोतता नहीं है । एक सारथी रथ में अश्व जोतता भी है और खोलता भी है । एक सारथी रथ में अश्व जोतता भी नहीं है
औरखोलता भी नहीं है । इसी प्रकार पुरुष (श्रमण) चार प्रकार के है । यथा-एक श्रमण (किसी व्यक्ति को) संयम साधना में लगाता हैं किन्तु अतिचारों से मुक्त नहीं करता । एक श्रमण संयमी को अतिचारों से मुक्त करता है किन्तु संयम साधना में नहीं लगाता । एक श्रमण संयम साधना में भी लगाता हैं और अतिचारों से भी मुक्त करता हैं । एक श्रमण संयम साधना में भी नहीं लगाता और अतिचारों से भी मुक्त नहीं करता ।
हय (अश्व) चार प्रकार के हैं । एक अश्व पलाण युक्त हैं और वेग युक्त हैं । यान के चार सूत्रों के समान हय के चार सूत्र कहें और पुरुष सूत्र भी पूर्ववत् कहें । हय के चार सूत्रों के समान गज के चार सूत्र कहें और पुरुष सूत्र भी पूर्ववत् कहें ।
युग्यचर्या (अश्व आदि की चर्या) चार प्रकार की हैं । यथा-एक अश्व मार्ग में चलता है किन्तु उन्मार्ग में नहीं चलता हैं । एक अश्व उन्मार्ग में चलता हैं किन्तु मार्ग में नहीं चलता हैं । एक अश्व मार्ग में भी चलता हैं और उन्मार्ग में भी चलता हैं । एक अश्व मार्ग में भी नहीं चलता और उन्मार्ग में भी नहीं चलता । इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के है । यथा-एक पुरुष संयम मार्ग में चलता हैं किन्तु उन्मार्ग में नहीं चलता । शेष तीन भांगे पूर्वोक्त क्रम से कहें ।
पुष्प चार प्रकार के हैं । यथा-एक पुष्प सुन्दर है किन्तु सुगन्धित नहीं हैं । एक पुष्प सुगन्धित है किन्तु सुन्दर नही है । एक पुष्प सुन्दर भी है और सुगन्धित भी है । एक पुष्प सुन्दर भी नहीं हैं और सुगन्धित भी नहीं है । इसी प्रकार पुरुष चार प्रकार के हैं । यथाएक पुरुष सुन्दर हैं किन्तु सदाचारी नहीं है । शेष तीन भांगे पूर्ववत् कहें ।
जाति सम्पन्न और कुल सम्पन्न, जाति सम्पन्न और बल सम्पन्न । जाति सम्पन्न और रुप सम्पन्न, जाति सम्पन्न और श्रुत सम्पन्न । जाति सम्पन्न और शील सम्पन्न, जाति सम्पन्न और चारित्र सम्पन्न । कुल सम्पन्न और बल सम्पन्न, कुल सम्पन्न और रूप सम्पन्न । कुल सम्पन्न औल श्रुत सम्पन्न, कुल सम्पन्न और शील सम्पन्न । कुल सम्पन्न और चारित्र सम्पन्न, बल सम्पन्न और रूप सम्पन्न । बल सम्पन्न और श्रुत सम्पन्न । बल सम्पन्न और शील सम्पन्न । बल सम्पन्न और चारित्र सम्पन्न । रूप सम्पन्न और शील सम्पन्न, रूप सम्पन्न और चारित्र सम्पन्न । श्रुत सम्पन्न और चारित्र सम्पन्न श्रुत सम्पन्न और चारित्र सम्पन्न । शील सम्पन्न और चारित्र