________________
समवाय-प्र./२५४
२६१
त्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, सम्मूर्छिमपंचेन्द्रिय तिर्यंच और सम्मूर्छिम मनुष्य नपुंसक वेदवाले होते हैं । गर्भोपक्रान्तिक मनुष्य और गर्भोपक्रान्तिक तिर्यंच तीनों वेदों वाले होते हैं ।
. [२५५] उस दुःषम-सुषमा काल में और उस विशिष्ट समय में [जब भगवान् महावीर धर्मोपदेश करते हुए विहार कर रहे थे, तब] कल्पसूत्र के अनुसार समवसरण का वर्णन वहाँ तक करना चाहिए, जब तक कि सापतय (शिष्य-सन्तान-युक्त) सुधर्मास्वामी और निरपत्य (शिष्य-सन्तान-रहित शेष सभी) गणधर देव व्युच्छिन्न हो गये, अर्थात् सिद्ध हो गये ।
इस जम्बूद्वीप के भारतवर्ष में अतीतकाल की उत्सर्पिणी में सात कुलकर उत्पन्न हुए थे । जैसे
[२५६] मित्रदाम, सुदाम, सुपार्श्व, स्वयम्प्रभ, विमलघोष, सुघोष और महाघोष ।
[२५७] इस जम्बूद्वीप के भारतवर्ष में अतीतकाल की अवसर्पिणी में दश कुलकर हुए थे । जैसे
[२५८] शतंजल, शतायु, अजितसेन, अनन्तसेन, कार्यसेन, भीमसेन, महाभीमसेनः । [२५९] तथा दृढरथ, दशरथ और शतरथ । इस जम्बूद्वीप के भारतवर्ष में इस अवसर्पिणी काल में सात कुलकर हुए । जैसे
२६०] विमलवाहन, चक्षुष्मान्, यशष्मान्, अभिचन्द्र, प्रसेनजित, मरुदेव और नाभिराय ।
[२६१]इन सातों ही कुलकरों की सात भार्याएं थीं । जैसे
[२६२] चन्द्रयशा, चन्द्रकान्ता, सुरूपा, प्रतिरूपा, चक्षुष्कान्ता, श्रीकान्ता और मरुदेवी । ये कुलकरों की पत्नियों के नाम हैं ।
[२६३] इस जम्बूद्वीप के भारतवर्ष में इस अवसर्पिमी काल में चौबीस तीर्थंकरों के चौबीस पिता हुए । जैसे
[२६] १. नाभिराय, २. जितशत्रु, ३. जितारि, ४. संवर, ५. मेघ, ६. घर, ७. प्रतिष्ठ, ८. महासेन – तथा –
[२६५] ९. सुग्रीव, १०. दृढ़रथ, ११. विष्णु, १२. वसुपूज्य, १३. कृतवर्मा, १४. सिंहसेन, १५. भानु, १६. विश्वसेन तथा
[२६६] १७. सूरसेन, १८. सुदर्शन, १९. कुम्भराज, २०. सुमित्र, २१. विजय, २२. समुद्रविजय, २३. अश्वसेन और २४. सिद्धार्थ क्षत्रिय ।
[२६७] तीर्थ के प्रवर्तक जिनवरों के ये पिता उच्च कुल और उच्च विशुद्ध वंश वाले तथा उत्तम गुणों से संयुक्त थे ।
[२६८] इस जम्बूद्वीप के भारतवर्ष में इस अवसर्पिणी में चौवीस तीर्थंकरों की चौवीस माताएं हुई हैं । जैसे
[२६९] मरुदेवी, २. विजया, ३. सेना, ४. सिद्धार्था, ५. मंगला, ६. सुसीमा, ७. पृथ्वी, ८. लक्ष्मणा, ९. रामा, १०. नन्दा, ११. विष्णु, १२. जया, १३. श्यामा तथा
[२७०] १४. सुयशा, १५. सुव्रता, १६. अचिरा, १७. श्री, १८. देवी, १९. प्रभावती, २०. पद्मा, २१. वप्रा, २२. शिवा, २३. वामा और २४. त्रिशला देवी । ये