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कम्बुज
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कम्बुज-संज्ञा पुं॰ [सं० ] शंख ।
जूएँ कई प्रकार की होती हैंकम्बुपुष्पी-संज्ञा स्त्री॰ [सं० स्त्री० ] शंखपुष्पी ।
(१)महीन महीन सफ़ेद रंग की जो बालोष कौड़ियाला । रा०नि० व०३ ।
से चिमटी रहती हैं । वस्तुतः ये जूत्रों के अंडे होते कम्बुपूत-संज्ञा पुं० [सं० पु. शंख ।
हैं। सुवाब: (बहु. सेवान) -। रिश्ककम्बुप्रणाली-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री०] (Duc- फ्रा०। लीख । लिक्षा -हि।
tus Cochlearis) शंखप्रणाली। कोकला (२) वह जो स्रोतों में फँस जाती है ओर । प्रणाली | अशा।
बालों की जड़ की तरह दिखाई देती हैं। तमूत्र कम्बुमालिनी-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] शंखपुष्पी -अ.। कम्काम -१०, फ्रा० । जमā । धक
लता । कौड़ियाला । रा०नि० व० ३ । कम्बू-संज्ञा [सं० स्त्री- ] (१) शंख । (२) वलय । (३) वह जो बड़ी-बड़ी और शिर एवं शरीर चूड़ी।
के कपड़ों में चलती फिरती दिखाई देती हैं। कम्बूक-संज्ञा पुं० [सं० पु.] शंख । कम्बु । कम्ल-अः । शपिस -फ्रा० । जूं, ढील -हिं० । यूका (वै०) धान की भूसी । अन्नत्वक् ।
-सं०। कम्यून-संज्ञा पु० [सं० पु.] शंख । खरमोहरा । कम्ल-[अ० जूएँ पड़ना । ढील पड़ने की बीमारी । रा०नि० व. १३ ।
तक़म्मुल । ( Pediculosis, Lousin कम्बोज-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] [वि • कांबोज] ness. )
(१) एक प्रकार का शंख । (२) एक प्रकार कम्लक़रीश-[अ०] छोटे सनोबर के बीज । का हाथी । मे • जत्रिक । (३) एक देश जो |
कम्लतुज ज़रअ-[१०] एक पक्षी जो टिड्डी की तरह गांधार के पास पड़ता था। यहाँ के घोड़े होता है। प्रसिद्ध थे।
कम्लतुन्नसर-[अ० ] गिद्ध की जूं । जो कभी उससे कम्बातायी-संज्ञा स्त्री० [सं० पु. कम्ब्वातायिन् ]
गिरकर मनुष्य के शरीर पर आ पड़ती है । और . शङ्खचिल्ल । एक प्रकार की चील ।
अत्यन्त घातक होती है। ऐसी जनश्रुति है कि कम्भा-[?] कमीला।
इसके काटने से शरीर के स्रोतों से रक्तस्राव जारी कम्भारी-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री० ] काश्मरी । गंभारी |
होजाता है। ... का पेड़ गम्भारी । कमहार । रा० नि व०६। | कम्ला-संज्ञा पु० दे० "कमला"। कम्भिका-संज्ञा स्त्री॰ [ सं० स्त्री.] बाहि धान्य । ।
कम्लावन-[रू.] काशिम । कम्भु-संज्ञा [सं० को • ] खस । उशीर ।
कम्लुर्रास-[अ०] Pediculus Capitis , रा. नि० व०१२।
शिर की जूं । सिर में जूएँ पड़ना। कम्म-[अ० [मिकदार । परिमाण । किसी चीज़ को .. मिकदार ।
कम्लुलअज्झान-[अ०] Pediculus Bloकम्मरकस-[बम्ब०] (1) कमरकस । (२) एक |
___pharitis, Triasis. पलकोंकी जूं । पलकों • बीज । (Salvia plebeia, R. Br.)
में जूं पड़ जाना। (३) चुनिया गोंद।
कम्लुलान:-[अ० ] Pediculus Pubis कम्मल-संज्ञा पुं० दे. "कम्बल"।
कामाद्रि यूका । कामाद्रि वा काले बालों की कम्मोरकस-[ गु० ] कमरकस ।
जूएँ । झाँट की जूएँ। कम्मी सफेद-[?] ब्राह्मी ।
कम्लुलजिस्म-अ.] Pediculus Corporis कम्र-वि० [सं० त्रि० ] कामुक । मैथुनेच्छायुक । शरीर का ढील । शरीर में जूएँ पढ़ जाना। -श्रम।
कम्लूल-अ.] नावरी । कम्ल-[१०] [ बहु० कुमुल ] जूं । ढील । यूका । कम्स-[अ०] Quickening
(Louse; Pediculus.) । भ्रूण का उदर में गति करना ।