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करज
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प्र. - (1) पूतिकरञ्ज - (कटकीबिटप करंज) प्रकीर्थ्यः, रजनीपुष्पः, सुमनाः, पूतिकर्णिकः ( पूतिपत्रकः ), पूतिकरअ:, कैडर्यः, कलिमालः (स०नि० ) पूतीकरञ्जः, पूतिकरजः, पूतिकः, पूतीकः, कलिकारकः, कलिमालकः, कलहनाशनः, कलिमारकः, प्रकीर्णः, पूतिकाह्नः पूतिपर्णः, कलिमाल्यः सं० 1 नाटा, नाटकरंजा, नाटोकरंजा, नाटा करंजा गाछ, नाटा करंज - बं० । काँट करंज, कंट करंजा हिं० । काँटाकरंज - बम्ब० । घाणेरा करंज, सागर गोटा - मरा० । काकँच, तेनों फल कांकचिया ० । करंजभेदु - कना० । कचकाई, गुच्चेपिका ते० । नाटातिता- कों० । कुम्बुरु - सिं० | वारुबडुलिमितु का० ।
( Caesalpinia Bonduc, Roxb)
नोट- नकमाल वृक्ष करंज है और यह विटप करंज है। " पूति" का अर्थ " दुर्गंध " होता है। अतः " पूति करंज" का अर्थ हुआ वह करंज जिससे दुर्गंध भावे । श्रतएव किसी किसी ने इसका नक्क माल के भेदों में अंतर्भाव किया है। परंतु कटकरंज की गिरी भी एक प्रकार से दुर्गधिपूर्ण ही होती है । अस्तु, इसका इस तक ही मर्यादित रखना समीचीन प्रतीत होता है। जड़ी बूटी में खवास के मत से कंटकी करंज दो प्रकार का शेता है - ( १ ) छोटा और ( २ ) बड़ा | छोटे को करंजी कहते है । छोटा हरे रंग और बड़ा सफेद होता है । उक्त दोनों ही गुण धर्म में समान होते हैं। इनमें से बड़ा करंज तो उपयुक्त 'पूर्तिकरंज' है ओर 'छोटे करंज के लिये दे० ' करंजी " । (२) लता करंज - ( कंट की वल्ली करंज ) लताका दुःस्पर्शो वीरास्मो वज्रबीजकः । धनद्राक्षः कष्टफलः कुबेरातश्च सप्तधा ॥ ( रा० नि० एव० ) अर्थात् कंजा के ये सात नाम हैं- लताकरंज, दुःस्पर्श, वीरास्य, वज्रबीजक, धनदांत, कण्टफल ( कण्टकिफल = भा० ) और कुबेराक्ष; ( वल्लीकरंज । कचिका, करञ्जा, तिणगच्छिका, वारिणी तीरिणी, कण्टकिनी ) कटक करञ्जः ( श्र०टी०भ० ) गदध्नः (तरिय ० ) गिच्छ्किः (द्रव्य० ) कराज्जका, बल्ली करंज, कण्टकीकरंज, लताकरंज, कटकरंज,
करज
करंजो, करंजवा, करंजुवा, कटकलीजा, कटक लीजी, सागर घोला, सागरगोटा, काँटकरंज, कंटकरेज, गटाइन, कंटकिनी, करंजा, करंजन, कंजा हि० । गज्गा द० । काँटाकरंज, गेंटे करअ, झगड़ा गूला, सेतान- गूला, लता करंजा - बं० । खायहे इब्लीस, खुर्मा बुहल - फ्रा० । श्रकितमकिन, – अ०, सि० । हज्जुल विलादत, हल्मासक, हज्र ल् उकाब, रश्केमरियम ( खुरासानी ) हजु ुन्निसाऽ, हज्रएलाक़ी, अंनातीतस ( ( संग विलादत ) - श्र० ।
- मिश्री, श्च ० । सीसेल्पाइनिया बाण्ड्युसेला Caesal pinia bonducella, Linn, Fleming. ग्विलैण्डिना बाण्ड्युसेला Guilandina bonducella, Linn. -ले० । निकेर ट्री Nicker tree. बॉण्डक नट Bonduo nut; फीवर नट Fever nut, फिजिक नट Physic-nut, मलक्का बीन Molucca-been -श्रं० | बॉण्डक जॉनी
Bonduc jaune, ग्विलैण्डिना बण्डक
Guilandina bonduc योडोबोर्रिक Yeux de bourrique - फराँ० कज़रशीक्काय, गेच - चक्काय, कालर कोडी, मलाल, कलङ्गु –ता० | गच्चकाय, यालखी, - ते० । कज़..ञ्चिक्कुर, कलञ्चिक्कुरु, - मल० । गजग- कायि, करंज भेद - कना० । गजग करंगी च झाड़, सागर गोटा - मरा० । गाजगा, गज्ग, काकँच (फल कांकचिया ) काँचका, करंज-नु-झाड़ गु० | कुम्बुरु - श्रह - सिंगा० । कलैन्- सि, कलेञ्जि, कलेआ - बर० । गज्गो, नाटा तिता - कों० । करंजिका - तिरि-गिच्छि । का० । सागरघोटा - बम्ब० । सीसैलपाइनिया बॉण्डक ( Coesalpinla bonduc ) भी इसी जाति का पौधा है । शिम्बी वर्ग
( N. O. Leguminose.) उत्पत्ति-स्थान - हिमालय से लेकर कन्याकुमारी पर्यन्त समस्त भारतवर्ष में इसके विटप उत्पन्न होते हैं । बिशेष बंगाल, बर्मा, बम्बई वा समग्र दक्षिण हिंदुस्तान में यह बहुत होता है । और पहाड़ों पर २५०० फुट की ऊंचाई तक