________________ [+] मिलने का पता-श्री हरिहर औषधालय, बरालोव पुर-इटावा यू० पी०। सन्निपातांक | परीक्षा विधि जैसे वस्तिशोथ, वस्तिव्रण, वस्तिकंडू, निदान स्थान में वर्णित है कि जिस वैद्य ने मूत्र संचय, वस्तिशूल, वस्ति टल जाना, वस्ति सन्निपात ग्रस्त रोगीको स्वस्थ्य कर दिया वह कौन आध्मान, वस्ति अश्मरी, मूत्र दाह, स्तम्भ, मूत्रसे पुण्य का भागी नहीं। आजकल के वैद्य गण | ज ग ण कृच्छ, बेखबरी में मूत्र त्याग, मंड-मूत्र, मूत्र में इस रोग में प्रायः कम सफल होते हैं। यह अंक | रक्त, वस्ति दर्द, बहुमूत्र इत्यादि की चिकित्सा विधि भारत के प्रसिद्ध 2 वैद्यराजोंकी अनुभवी चिकित्सा | पूर्वक लिखी गई है। कीमत 1) के द्वारा आविष्कृत किया गया ह / निदान और हृदय रोगांक चिकित्सा का अत्युत्तम समावेश किया गया है। हृदय सम्बन्धी समस्त रोगों के निदान मय लक्षण भारत आश्रयीभूत वैद्यों से हमें पूर्ण आशा है कि और सुन्दर रंगीन चित्रोंके सहित समझाया गया इस अंक का आश्रय लेकर अवश्यमेव दुखियों का है। अंक बड़ाही मनोहर है, आजतक ऐसा सुन्दर दुःख दूर करने में दत्तचित्त होकर यश को प्राप्त और वृहत् विशेषांक नहीं निकला है / कीमत) करेंगे। मू०) कुष्ठांक फुफ्फुस रोगांक यह नाम भी घृणित है। यह मर्ज है जिसे विशेषांक क्या है, अपने ढंग का निराला मसीह भी अच्छा नहीं कर सकता, लेकिन भाज निकला है, फुफ्फुस सम्बन्धी सभी विषयों का पूर्ण झूठा हो गया, इसे पढ़िये और साथ 2 सौंदर्य की विवेचन मय निदान के किया गया है। साथ ही भी रक्षा कीजिये। मू.॥) फेफड़े के एक्सरे द्वारा लिये गये चित्र भी प्रकाशित शिरोरोगाङ्क है। कीमत 2) शीशी, आधीशीशी सभी प्रकार के शिरोरोगों बूटी निर्णयांक की चिकित्सा का कारण, निदानादि वर्णित है। ___अप्रचलित जड़ी बूटियों के गुण और पहचान सुन्दर सरस सचित्र की कीमत / ) का विशद वर्णन है। कीमत 1) वातव्याध्यक त्रिधातु सर्वस्व बातव्याधि जैसी सर्वशरीर व्यापी चिरस्थाई वात, पित्त, कफ का शरीर में स्थान और पहदुखदाई रोग की सफल सुलभ चिकित्साओं का चान आदि के अभूतपूर्व महत्व इसमें ही पढ़ने को वर्णन इसमेंहै / मू० // ) / | मिलेंगे। कीकत 2) / रनायु रोगाङ्क मानसिक रोगांक शरीर में स्नायु क्या है ? इसके प्रतिघात से | मन क्या है ? उसके रोग कौन 2 हैं ? उनका कौन 2 रोग होते हैं / बह कैसे दूर किये जा सकते इलाज क्या है ? इसे पढ़कर लाभ उठाइये / कीमत हैं। वैद्यों एवं गृहस्थियों के लिये खास जानने का 2) रु.। . विषय है। कीमत 2) सर्पा वस्तिरोगांक पूर्वार्द्ध सों की जाति, उनके दंश के लक्षण और यह अंक अपने ढङ्ग का निराला है, इसमें उनकी चिकित्सा तथा सों की उपयोगिता पढ़ वस्ति में होने वाले सम्पूर्ण रोग साथ ही संक्षिप्त | लाभ उठाइये / कीमत 2) रु.