Book Title: Aayurvediya Kosh Part 03
Author(s): Ramjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
Publisher: Vishveshvar Dayaluji Vaidyaraj

Previous | Next

Page 572
________________ कलमी आमला २३०४ कलैम्बक कलमी आमला-संज्ञा पु. [ फा० कलमी+हिं० | कलम्बक-संज्ञा पुं॰ [सं० वी० ] एक प्रकार का श्रामला ] कलम लगानेसे उत्पन्न हुआ आँवला । चंदन । कालीयक। कलमीक-[ उमान ] (1) गोलमिर्च के बराबर एक | ___ संज्ञा पुं॰ [सं० कलम्बकम् ] एक लता जाति दाना हरनूह । (२) मलयागिरि चन्दन । (३) की वनस्पति जिसकी बेल मलाबार के पर्वतों पर जंभीरी । जंबीरी नीबू । होती है। पश्चिम भारतवर्ष के जंगलों और लंका कलमीकलून-[१] क्रैकहर। में भी यह प्रचुरता के साथ उपजती है और कलमी बेर-संज्ञा पु० [फा० कलमी+हिं. बेर ] थोड़ी बहुत समस्त भारतवर्ष में पाई जाती है । पेवंदी बेर। हसकी बेल वृक्ष के आश्रय से प्रतान विस्तार करती कलमी लता-संज्ञा स्त्री। है। पत्र एकांतर, सत और पत्रप्रांत अखंडित कलमी शाक-संज्ञा पुं० [40] करेमू । होते हैं । इसकी लकड़ी पीले रंग की और कडुई कलमी शोरा-संज्ञा पुं॰ [हिं० कलमी+शोरा ] साफ़ होती है। हरिद्रा की भाँति इससे एक प्रकार का किया हुआ शोरा जिसमें कलमें होती हैं । हरिद्रावर्ण वा पीला रंग तैयार होता है। प्रकांड कलमीस-[रू०] पुदीना । वा तना काष्ठल, बेलनाकार, १ से ४ इंच व्यास कलमुल किताबत्-[१०] धात्वर्थ लिखने का कलम | का होता है जिसके ऊपर कार्कवत् पांडु-पीत वर्ण वा लेखनी । व्यवच्छेद शास्त्र की परिभाषा में की छाल चढ़ी होती है। इस पर लंबाई के रुख मस्तिष्क के चतुर्थ कोष्ठ के आगे मस्तिष्क का एक | झुर्सियाँ पड़ी होती हैं । काष्ठ हरापन लिये पीत भाग जो लेखनी के आकार का होता है। वर्ण का और चमकीला होता है। इसका कटा ___Calamus scriptorious कैलेमस हुआ सिरा अत्यंत स्रोतपूर्ण और विशिष्ट प्रकार के स्क्रिप्टोरियस (अं०)। मजागत किरणों ( Medullary rays) कलमुहाँ-वि० [हिं० काला+मुह ] काले मुँह का । से परिव्याप्त होता तथा इसमें वृत्ताकार रेखाओं जिसका मुँह काला हो। (Concentric rings) का अभाव पाया कलमूख-[ स्पेन ] रासन । जाता है । दार्वी काष्ठ की अपेक्षा यह बहुत कम कलमूज-[?] रासन । कड़ा और रंग में भी उससे हलका होता है। कलमूनिया-[?] (१) वह रातीनज जो भाग पर | इसके विपरीत सभी जाति के दार्वी काष्ठ एवं मूल पकाया गया हो । (२) छोटे वा बड़े सनोवर की | बहुत कड़े और काष्ठोय होते हैं और उनकी रचना गोंद। में कोई विशेष बात नहीं पाई जाती है। कलमोत्तम-संज्ञा पु० [सं० पु.] ) एक प्रकार पय्यो-कालीयकः ( कालीयकं), कालेयकः का बहुत कलमोत्तमा-संज्ञा स्त्री० [सं० स्त्री०] ) अच्छा (कालेयक ), कालेयं, कालीयं, कलम्बकं -सं० । कलम्बक, कलम्बा, (वैकल्पिक) -हिं० । झाड़ सुगंधित महीन धान । सुमंध शालि । रा० नि. की हल्दी -हिं०, द. कलमा, कलम्बा, कालिया, हल्दी गाछ -बं० । टी टमरिक Tree Tur. कम्निया बालसेमिक-[ .. Columnoea meric, फाल्स कैलंबा False Culumba ____Balsamica ] कपूर।। सीलोन कोलम्बा Ceylon Columba, कलम्ब, कलम्बक-संज्ञा पुं॰ [सं० पु.] (१) -अं० । कोसीनियम् फेनेस्टे टम् Coscinium कदम का पेड़ । कदंब । विश्वः । (२)शाक का Fenestratum, Coleber., A fare ## उंठल। शाकमादिका । अमः । (३) शर । फेनेष्टे टम् Menispermum Fenestra तीर। मे० बत्रिक । (४) सरसों । सर्षप । tum, Gartn. -ले मरमाल-ता० मला '(५) धाराकदंब । रा०नि० व० । । (६) मातु-पसुपु (पुष्पु)-ते। मरमञ्जल “मल। मालिका शाक । कलमी शाक(७) एक प्रकार मरद-अरिशिना-कना० । झाड़ी हलदे -मरा० । का शालि धान। (८) धाराकदवा हलदू । बेनिवेल -सिंह झाड़ी हल्दी-बम्ब०। ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653 654 655 656 657 658 659 660 661 662 663 664 665 666 667 668 669 670 671 672 673 674 675 676 677 678 679 680 681 682 683 684 685 686 687 688 689 690 691 692 693 694 695 696 697 698 699 700 701 702 703 704 705 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716