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विषय. अर्घ्यदान आचमन और मधुपर्क
वरको वस्त्रालंकार प्रदान
पीठका प्रमाण
विवाह दिन में होम
सप्तपदी की आवश्यकता
कन्या के रजस्वला होजानेपर
कन्याको वस्त्रालंकार प्रदान
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यज्ञोपवीत ग्रहण और वस्त्राभूषण स्वीकार ३२१
विवाह वेदीके समीप वर कन्याको लाना
३२२
वेदी बनाने का लक्षण द्वितीय लक्षण उपनयन समयकी वेदी
द्वितीय-भत
कन्यावरण विधि
कन्यावरण मंत्र
कन्यादान मंत्र
Sourबंधन और मंत्र
वर्धापन मंत्र और विधि
विवाहविधि और होमविधि
पुण्याहवाचन - संकल्प - मंत्र सप्तपदी मंत्र
भस्मप्रदान मंत्र.
आशीर्वाद मंत्र
अनन्तर वधूवरके कर्तव्य
प्रतिदिन के कर्तव्य चौथे दिन नागतर्पण
नागतर्पणं विधि
गंधाक्षतप्रदान मंत्र
तालीबंधनविधि
चिषयं.
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पुनः भस्मप्रदान मंत्र ३२१ सुवर्णप्रदान मंत्र ३२१ वधूको लेकर स्वगृह-गमन
विशेष कथन
मालाबंधन मंत्र पूर्णाहुति
पृष्ठ.
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वेद के समीप वर-कन्याको लानेकी विधि ३२४
उस समयका कर्तव्य
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३२३ परिवेदन के विषयमें
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૨૦ )
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मतान्तर ३२४ तृतीय - विवाह ३२५ अर्कविवाहविधि
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३२६ वर्णलाभ क्रिया
३३०
३३१
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३३५
३३६
परमतस्मृति वचन
३३६
३३८
वधूका गृहप्रवेश मुहूर्त देवोत्थापन
३३९
लग्न - प्रतिघात
३३९
विवाह के अनन्तर
कर्तव्य
३४०
पुत्र-पुत्री के विवाह आदिके नियमोपनियम ३४०
३४.१
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कन्याका रजोदोष
द्वितीय विवाह
स्त्रीके मरजानेपर विवाह काल
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३२९ गृहत्याग क्रिया
दीक्षाधारण
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३३० तेरह प्रकारका चारित्र
पंच महाव्रत
पंच समिति
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बारहवां अध्याय | -
कुलचर्या
गृहशिता
प्रशान्ति क्रिया
गुप्ति और तप
बाईस परीषह
अठाईस मूलवत
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३३३ छह आवश्यक क्रियाएं
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· पृछ.
३३५
३३३ उत्तमक्षमादि दशधर्म
३३४ पंचाचार
३३५ आचार्यके छत्तीसगुण
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३४१
३४२
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३४३
३४४
• ३४५
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३५०
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