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। विषय. . जलफी मर्यादा तिलतंडुलोदकग्रहण-निषेध जलप्राशुक करनेकी विधि मांसवतके दोष शिक्षावतके भेद देशावकाशिककी सीमा सामायिक और प्रोषध
वैयावत और दानविधि . नवधा भक्ति और सात गुण ग्यारह प्रतिमा दर्शन, व्रत, सामायिक और प्रोषध प्रतिमा सचित्तत्याग प्रतिमा प्रासुक द्रव्यका लक्षण रात्रिभुक्तित्याग प्रतिमा द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचर्य प्रतिमाका स्वरूप ब्रह्मचारीके पांच भेद उपनयन ब्रह्मचारी अवलंब ब्रह्मचारी अदीक्षा ब्रह्मचारी गूढ ब्रह्मचारी नैष्ठिक ब्रह्मचारी सद्गृहस्थ वानप्रस्थ भिक्षकका स्वरूप
आरंभत्याग प्रतिमा परिग्रहत्याग प्रतिमा बाह्याभ्यन्तर परिग्रहके भेद अनुमतित्याग प्रतिमा उद्दिष्टत्याग प्रतिमा देशविरतीका विशेष कर्तव्य व्रत सुनकर घरपर आना , बंधु वर्गका सत्कार
पृष्ठ. . विषय. २९९ .. ग्यारहवां-अध्याय । विवाहविधि-कथन-प्रतिज्ञा
३०८ कन्याका लक्षण
३०८ वरका लक्षण वरके गुण आयुपरीक्षण
३०९ शुभलक्षणवाली कन्याका वरण ३०० अशुभलक्षणवाली कन्याका फल
परीक्षा करने योग्य अंग ३०१ कन्याके शुभाशुभलक्षण
विवाहयोग्य कन्या ३०१ विवाह अयोग्य कन्या
३१२ ३०१ विवाहके पांच अंग ३०२ वाग्दान
३१४ ३०२ प्रदान
३१४ वरण
३१५ पाणिपीडन सप्तपदी गृहयज्ञ और अंकुरारोपणविधि . ३१६ वर कर्तव्य
. . .३१७ वरका वधूके घरपर गमन ३१७ विवाहके आठ भेद :..: . ब्राह्मय विवाह
दैवविवाह " आर्ष-विवाह और प्राजापत्य-विवाह , ". आसुर विवाह और गांधर्व विवाह ,
राक्षस विवाह और पैशाच विवाह ३०५ उपवासपूर्वक कन्यादान
मतान्तर गांधर्व और आसुर विवाहमें विशेष विधि
कन्याके बांधव ३०६ कन्याका अधिकार ३०६ विवाह कर्म ३०५ वरपूजन और वधूपूजन
३०३
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