Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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पूर्णं एवं सामान्य शुद्ध | दशा सामान्य | वेटन नं० २०४ |
विशेष - नाल्हापुर (मालपुरा ) में महाराजकुमार मानसिंह के शासनकाल में प्रतिलिपि की गयी थी।
२०५ हनुमच्चरित्र - ब्रह्मजित | पत्र सं० ११४ | साइज ११३४५ इञ्च । भाषा संस्कृत | विश्य चरित्र | ! रचनाकाल × | लेखनकाल--सं० १६१२ | पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० २५० |
| लेखनकाल | पूर्व एवं शुद्ध दशा - जीर्ण |
२०६ प्रति नं० २ | पत्र सं. ११३ | साइज १०६४ चैन २५० |
२०७ होलिकाचरित्र पाडे श्रीजिनदास । पत्र सं. ४ | साइज १०३४५ इञ्च । भाषा-संस्कृत | विषय - चरित्र | रचनाकाल-सं. १६०८ । लेखनकाल - सं. १८८३ | अपूर्ण एवं सामान्य शुद्ध | दशा - उत्तम | बेप्टन १९४८ | विशेष - प्रतिलिपिकार श्री संपतिराम हैं।
२०८ अनन्तव्रतकथा - श्रुतसागर रचनाकाल × | लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध
विषय - कथा साहित्य
अन्य संख्या -४४
२०६ प्रति नं० २ । पत्र सं० ४
|
वेष्टन नं० १३ |
[ कथा साहित्य
|
पत्र [सं० ५ 1 साइज २३ इव । भाषा-संस्कृत विषय-कथा । । दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १३ |
| लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य
साइज १०४५
२१० प्रति नं० ३ | पत्र सं०-५१ साइज १०४ इ । लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य वेष्टन नं० १३ ।
२११ अह्निकाकथा - शुभचन्द्र । पच सं० ६ | साइज १३४ इञ | भाषा संस्कृत | विषय -कमा । रचनाकाल × | लेखनकाल । पूर्ण एवं शुद्ध दशा- सामान्य जी । वेष्टन नं० २५६ । २१२ प्रति नं० - २ | पत्र ० ७ वेष्टन नं० २५६ ।
साइज ३x४ ञ्च । लेखनपाल । पूर्ण एवं अशुद्ध । दशा- जी ।
२१३ श्राहिका कथा - श्री नथमल | पत्र सं० १६ । साइज १०५ इव | भाषा - हिन्दी | विषय - कथा | रचनाकाल - तं० १६२२ । लेखनकाल सं०-१९३९ । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा- उत्तम विशेष -- लेखक - गणेशलाल पांड्या । मोतीलाल संघी ने लिखवायी भी ।
वेष्टन नं० ६५६ ॥
२२४ अष्ठाह्निका कथा-म० सुरेन्द्रकीर्त्ति । पत्र सं०-६ | साइज विषय--कथा । रचनाकाल x | लेखन काल - सं० १८६६ मंगसिर बुदी ५ | बेष्टन नं० २५६ |
विशेष—सवाई जयनगर ( जयपुर ) में पं० श्रमीचन्द ने प्रतिलिपि करवाई थी ।
१०३४५ इञ्च । भाषा-संस्कृत | एवं सामान्य शुद्ध । दशा- उत्तमः