Book Title: Rajasthan ke Jain Shastra Bhandaronki Granth Soochi Part 2
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Prabandh Karini Committee Jaipur
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[ चरित्र.
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१=१ धन्यकुमारचरित्र - भ० सकलुकीति | पत्र मं०-३० साइज १०३४९ इञ | भाषा - संस्कृत । त्रिषय- चरित्र | रचनाकाल x | लेखनकाल सं० - १०३८ । पूर्ण एवं सामान्य शुद्ध दशा सामान्य । वेष्टन नं ०७८ । १२ प्रति नं २ | पत्र सं०-४७ | साइज १०३४४२५ इख | लेखनकाल x | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टन नं०७८ |
१६३ धन्यकुमारचरित्र - खुशालचन्द काला । पत्र सं० ३३ | साइज १०:३१ इञ्च । भाषा - हिन्दी । विषयवस्त्रि । श्चनाकाल X ] लेखनकाल सं० १८२१ श्रावण मुदी ३ । पूर्ण एवं नामान्य शुद्ध दशा- सामान्य | वेष्टन नं
१८४ प्रति नं० २ | पत्र सं० | साइज - १०३६ इ । लखनकाल- मं० १६.०६ | पूर्ण एवं शुद्ध । दशा-जीगी। बेटन नं०७ ।
१६५ नागकुमारचरित्ररे। पत्र २०२२१४५ इश्व | भाषा-संस्कृत | विषय - चरित्र | रचनाकाल × । लेखनका सं० १६०६ पौष सुदी १२ । पूर्ण एवं शुद्ध । इसा सामान्य | वेष्टन नं
१८६ प्रति नं २ | पत्र सं० २६ | साइज १०२४३ । लेखनकाल- सं० १६०४ फाल्गुण मुर्दा ११ | पूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य । वेष्टन नं० ५६ ।
विशेष सांखा (जयपुर) में सलेमसाहि (जहांगीर) के राज्य में प्रतिलिपि की गयी थी ।
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१८७ पार्श्वविलास - पारसदास | पत्र सं० २२ | साइज ६६ इव । रचनाकाल × । लेखनकाल सं० १६४५ | भाषा - हिन्दी बन्दोबद्ध | विषय - चरित्र । पूर्ण एवं शुद्ध दशा-सामान्य । वेष्टन नं० १०२ | विशेष – अन्त में सरस्वती पूजन भी है ।
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भद्रबाहुचरित्र - श्री रत्ननंदि । पत्र सं० १८ | साइज १२५ इव । माषा - संस्कृत | विषय - चरित्र | रचनाकाल × । लेखनकाल-सं० १७४९ वैशाख चुदी ७ । पूर्ण एवं शुद्ध दशा सामान्य | वेष्टन नं० १३६ |
१८६ भविष्यदत्तचरित्र - ब्रह्म रायमल्ल | पत्र सं० २३ | साइज ६३५ इथ | भाषा - हिन्दी छन्दोबद्ध | विषय- चरित्र | रचनाकाल - सं० १३३३ । लेखनकाल - सं० १६३४ | पूर्ण एवं शुद्ध दशा- जीर्ण । वेष्टन नं० १४३ | विशेष प्रारम्भ के पत्र नहीं है।
१६० यशोधरचरित्र - म० ज्ञानकीति | पत्र सं० ५४ | साइज ११४४३ इञ / भाषा-संस्कृत | विषय - चरित्र । रचनाकाल सं० १६५३ माघ सुदी ५ | लेखनकाल - सं० १६६० । श्रपूर्ण एवं शुद्ध दशा - सामान्य | वेष्टन नं० १५८ | विशेष – प्रारम्भ के २ तथा अन्तिम पत्र नहीं है।
१६१ यशोधरचरित्र - भ० सकलकीत्तिं । पत्र सं० ४४ | साइज ११०३ इव । भाषा-संस्कृत । विषय-चरित्र | रचनाकाल × । लेखनकाल- सं० १७८८ । पूर्ण एवं शुद्ध । दशा - सामान्य | वेष्टनं० १५= |
विशेष - प्रति सचित्र एवं सुन्दर है ।
२६२ शांतिनाधचरित्र -म० सकलकीचि । पत्र सं० चरित्र । रचनाकाल × । लेखनकाल - सं १६१ । पूर्ण एवं शुद्ध
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०१०४३ दशा- जीर्ण | वेष्टन २० १६.७ ॥
| भाषा-संस्कृत विषय