Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 291
________________ प्राकृतपद्यानुक्रमणी ६५ चदुकोडिजोयणे अड- जय० ५० १२-८२ / चम्मट्ठिकीडउदुरु वसु० सा० ३१५ चदुगदिभव्यो सरणी गो० जी० ६५१ चम्मट्ठिमंसलवलुद्धो रयणस० ११३ चद्गदिमदिसुदबोहा गो० जी० ४६० चम्मरयणो ण बुड्ढइ जंबू०प०७-१४१ चद्गदिमिच्छे चउरो गो० क. ३५१ चम्म रुहिरं मस । भावस०४०७ चदुगदिमिच्छो सरणी । ल द्विसा० २ चम्मार-वरुड-छिपिय छेदपिं० २२२ चदुगदिया एइंदी गो० क० ५६३ चयदलहदसकलिदं तिलो० ५०२-८५ चदुगुण-इसूहि भजिदं जबू० प० २-२६ चयधणंहीणं दव्यं गो० क. १०३ चदुगोउरसंजुत्ता जब० ५० १०-१०१ चयहदमिक्कूणपदं तिलो. १०२-६४ चदुतिगदुगछत्तीसं भावति० ४२ तिलो० प० २-७० चदुतियइगितीसेहिं तिलो० ५० १-२२० चरणकरणप्पहाणा सम्मइ०३-६७ चदाल-सयसहस्सा जबू०प०६-८२ | चरणम्मि तम्मि जो उन्न- भ० प्रारा० १० चदुदाल-सयं आदी जबू० ५० १२-१६ चरणं हवइ सधम्मो मोक्खपा०५० चदुपञ्चहगो बंधो गो० क० ७८७ चरदि णिवद्धो णिच्च पवयणसा०३-१४ चदुबंधे दो उदये गो० क. ६७८ चरविंबा मणुवाण तिलो० ५० ७-११६ चदुमुह-बहुमुह-अग्जक्ख- तिलो० प० ४-११४ चरमधरा-सारा हरा। गो. जी. ६३७ चदुरमलबुद्धिसहिदे जंय० प०१-११ चरमसमयम्मि तो सो म० श्रारा० २१२५ चदुर दुगंते वीसा कसायपा०४३ चरमे खुद-जंभ-वसा तिलो० सा० ७६१ चदुरंगाए सेणा भ० श्रारा० ७५७ चरया परिवजधरा • तिलो० ५०-५६१ चदुरंगुला च जिव्भा मूला. ६EE / चरयाय परिव्वाजा तिलो० ५० ५४७ चदुरुत्तरचदुरादी जय० प० १२-४६ चरिएहि कत्थमारणो भ० धारा० ३६८ चदुरेक्कदुपणपंच य ___ गो० क. ५५६ | चरिमअपुण्णभवत्थी गो० क० २१० चदुरो य महीसीण जबू० प० ६-६५ चरिमणवट्ठिदकुंडे तिलो० सा० ३५ चदुसटि-लक्खभजिदं जबू०प० १२-६४ चरिमणिसेउ(यु)क्कट्ठे लद्विसा० ६० चदुसंजलण णवण्हं पघस० ४-१६८ चरिमदुवीसूणुदयो गो० क० ७५७ चदु सुरणं एकत्ति य जबू०प० २-२० चरिमपहादो बाहिं तिलो० प०७-२८८ चदुसु वि दिसाविभाग जवृ० ५० ६-६५ | चरिमस्स दुचरिमस्स य तिलो० सा० ८२ चदुसु वि दिसासु चउरो जबू० ५० १०-५१ , चरिमं चरिमं खंड गो० क० ६५८ चदुसु वि दिमासु चत्तारि जवू० ५० १०-१५ चरिमं दसमं विसुपं तिलो. सा० ४२६ चदुर्हि समएहिं दंड भ० श्रारा० २११५ चरिमं फालि दिएण लद्धिसा० १४५ चमरकरणाग-जक्वग- तिलो० सा० ६८७ | चरिमं फालिं देदि दु तद्धिसा० १४४ चमरग्गिम-महिसणं तिलो. ५० ३-६२ चरिमादिचउक्कस्स य तिलो० सा०६० चमरतिये सामाणिय- तिलो० सा० २२७ चरिमाबाहा तत्तो ल द्धिसा० १७६ चमरदुगे आहारो तिलो० ५०३-१११ चरिमुव्वकेणवहिद गो० जी० ३३० चमरदुगे उस्सासं निलो० ५० ३-१४ चरिमे खंडे पडिदे लद्विसा. ५६E चमरदुगे परिसाणं निलो० सा० २०६ चरिमे चदुतिदुगेक गो० क० ६६८ चमरंगरक्खसेणा तिलो० सा० २४४ चरिम पढमं विग्धं लद्धिमा०६०७ चमरिंदो सोहम्मे तिलो. प०३-१४१ चरिमे सव्वे खंडा लन्हिसा० ४७ चमरीबाल खग्गिवि- भ० धारा० १०५१ | चरिमो बादपरागो कमायपा० २०६(१५६) चमरो सोहम्मेण य तिलो० सा० २१२ चरिमो मउडधरीसो सुदख०७० चम्मच्छ: पीयहँ जल सावय० दो० ३० ! चरिमो य सुहुमरागो कमायपा० २१० (१५७)

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