Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 390
________________ १६४ पुरातन-जैनवाक्य-सूची - पएह पडिइंदाण चउराह निलो० ५० ३-५७३ पडिदिसयं णियसीसे तिलो० सा० २१६ पडिइंदाणं सामाणियाण तिलो. प०८-०८६ पडिदेमसयलपुग्गल मावपा०३५ पडिइंदाणं सामाणियाण तिलो. ५०८-५३२ । पडिपडिम एकेका तिलो. मा० २५४ पडिइदाणं सामाणियाण तिलो० ५०-५५२ पडिपदमणंतगुणिटा लद्विसा. १६६ पडिइंदादिचउरह तिलो० ५०३-१००। पडिपुराणजोव्वणगगणी सम्मइ०१-४३ पडिइंदादिचउराह तिलो० ५० ३-११८ ' पडिबुझिमण सुत्तुट्टियो- वसु० सा० ४६८ पडिइंदादिचउराह तिलो० ५०३-१३३ पडिबुद्धिज्ण चरण वसु० सा०२६८ पडिइंदादी देवा तिलो० ५०८-३६३ पडियोहिरो हु संतो धम्मर० १७४ पडिइंदाभिधयस्स य तिलो०प०८-३१६ भ. श्रारा० १४३० पडिइंदा सामाणिय तिलो० ५० ६-६८ पडिमाणं अग्गेसुं तिलो०प०३-५३८ पडिइंदा सामाणिय तिलो० ५० ७-६० / पडिमापडिवएणा वि हु भ० श्रारा० २०७१ पडिइंदा सामाणिय तिलो. प०८-२१५ । पडिमाममेकग्रमणेण वसु० सा० ३५४ पडिकजं जड णाम श्राय० ति० २१-१३ / पडिय मरियेक्का- गो० क० ५२ पडिकमओ पडिकमण मूला० ६१४ पडियस्म य रोइस्स य रिस० २५१ पडिकमणणामधेये णियमसा०६४ पडिस्वकायसंफा मूला० ३७१ पडिकमणणिजुत्ती पुण मूला० ६३१ पडिस्वकायसफा भ० श्रारा० १२१ पडिकमणपहुदिकिरिय णियमसा० १५२ पडिलिहियअंजलिकरो मूला० ५३६ पडिकमणं कयदोसणिरा- अंगप०३-१७ | पडिलेहणेण पडिले भ. श्रारा०६७ पडिकमणं देवसिय मुला० ६१३ पडिले हिउण सम्म मूला. १७० पडिकमणं पडिसरणं समय० ३०६ पडिवजजहएणदुर्ग लदिसा० १६६ पडिकमणं पडिसरण तिलो० ५० १-५१ पडिवडवरगणसेढी लद्धिसा० ३७४ पडिकमिदव्वं दवं मूला० ६१६ पडिवदि किण्हे पुस्से तिलो० सा० ४१७ पडिकूलमाइ काउं भावस० ५६३ पडिवययाइदिणाई • रिछस० १५७ पडिकूलो तह चलियो श्राय० ति०२-४ परिवरिसं आसाढे तिलो. सा० १७६ पडिकूविदे विसरणे भ० श्रारा० १६२३ पडिवार वासरादो तिलो. प०७-२१५ पडिखंडगपरिणामा लद्धिसा०४५ पडिवादगया मिच्छे लद्धिसा० १६२ पडिगहणमुच्चठाणं वसु० मा० २२४ पडिवाददुगवरवर लद्विसा० १८६ पडिचरये आपुच्छय भ० श्रारा० ५१८ पडिवादादीतिन्य लद्विसा० १६७ पडिचोदणासहणदाए म० श्रारा०३८४ पडिवादी देसोही गो० जी० ३७४ पडिचोदणासहणवाय- भ० श्रारा० २६५ गो० जी० ४४६ पडिजग्गाणेहि तणु- वसु० सा० ३३६ | पडिवादो च कदिविधो क्सायपा० ११६ (६३) पडिणीगमतराए + गो० क० ८०० पडिवीण णेत्तपट्टावरेहिं वसु० सा० ३६८ पडिणीगमंतराए + कम्मप० १४४ पडिसमयगपरिणामा लद्धिसा० ४४ पडिणीयमतराये+ पचस०४-२०० पडिसमयधणे वि पद गो० क. ६०५ पडिणीयाई हेऊ पचस०४-२१२ पडिसमयमसंखगुण + लद्विसा० ७५ पडितित्थं वरमुणिणो अंगप० १-४६ | पडिसमयमसंखगुण + लद्धिसा० ३६७ पडितित्थं सहिऊण हु अगप० १-५३ / पडिसमयममंखगुणं । लहिसा० ४१६ पडिदिवसमेकवीथि तिलो० सा० ३७३ | पडिसमयमसंखगुणा पडिदिवसं ज पावं भावसं०४३२ लद्धिसा० ४४४ पडिदिसगोउरसंखा तिलो० सा० ४६२ / पडिसमयं अहिगदिए। लद्विसा० ५१८ • ल द्विसा० २८२

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