Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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भ
मत्थयसूचीए जधा मदमाणमा रहदो मदमाणमायलोहविमदिश्रावरणखओवस
मदिरा राई मदिसुदश्रोहिमणेहिं य मदिसुद ही मरणपज्जयं मदिदोही मरणपज्जयं मदिसुदरणाबले दु
मद्दल तिवलीहिं तहा मद्दलमुइंगपडह पहुमद्दलमुयंगभेरी
मद्दवप्रज्जव जुत्ता मधिदू कुह अगि मधुमेव पिच्छदि जहा ममत्ति परिवज्जामि ममत्ति परिवज्जामि
ममत्ति परिवज्जामि
मम पुत्त मम भज्जा मयको हलोहग मगधूमम्मि स मयत हादो उदयं मयतरिया उदयत्ति
मयमरणमायणो मयमायकोहरहि
मयमूढमरणादण मयमोहमाणसहि
मयरद्धयमह (य) महणो म राय दोस मोहो मयरायदोसरहि
प्राकृतपद्यानुक्रमणी
तिलो० प० ६-३८
भ० श्रारा० २१०१ | मरगयरय विरिणम्मियमरगयवरण समुज्जलमरवाई
यिमसा० ११२ गो० जी० १६४ | मरणभयभीरुआणं तिलो० प० ४ - ४१५ | मरणभयभीरुयाणं गो० जी० ६७३ | मरणभयमिह उवगदे दव्वस० य० २३ | मरणं पत्थेइ रणे + मरणं पत्थेइ रणे +
मरगयदंडत्तुगा
मरगयपायारजुदा मरगयपायारजुदो
मरगयपासादजुदा मरगयमणिसरिसतणू
मरगय मुखालवणा मरगयरयणविणिग्गय
कम्मप० ४२
रयणसा० ३
जंबू० प० ४-२८३ तिलो० प० ७-४६ तिलो० प०५-११३ तिलो० प० ४- ३३८ तिलो० प०४-१५७२
भ० श्रारा० १२७४
मरणूणम्मि पियट्टीमरणे विराधिदम्मि य मरणे विराधिदे देवमरदि श्रसंखेज्जदिमं मरदि सयं वा पुव्वं मरदु व जियदु व जीवो यिमसा० ६ | मरुदेवे तिदिवगदे भावपा० ५७ | मलमुत्तघड व्व चिरं मूला० ४५ मलरहियो कलचत्तो वा० श्रणु० ३१ || मलरहिओ गाणम भावसं ० ५५२ | मलसत्तर (रि य) जिरणुत्ता रिट्स० २११ मलिगो देहो चि मल्लव महसोमणसो
भ० श्रारा० ५८६
मल्लस्स गेहपाणं रिट्ठस० ६६ | मल्लंगदुमा रोया
मोक्खपा० ४५
भ० श्रारा० ७२६
मर इदि भणिदे जीओ तिलो० प० ४- १०७६
मरग (दरण) चोरमायाणिसहि
सुप्प० दो० ४२
मरगयकंचरणविदुम
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मरणाणि सत्तरस देखिदाणि
मल्लिजिगिदं परणमिय मल्लिजिणे छद्दिवसा
रयणसा० ७
वमो
गाणसा० ३० | मल्लिदुमज्झे सुदखं० ६० मल्लीगामो सुप्पहवरदत्ता बोधपा० ६ मसरि-पूरण रिसिणो बोधपा० ४० | मसुरंघुबिंदु सूई
मसुरिय कुसग्गबिदू महअबला तिविट्ठो
जबू० प० ६-६१
महकप्प गायव्वं
जंवृ० प० १३ - ११४ | महकप्पं पुंडरियं
जंबू० १० ८ - १६१ जवू० प०८ - १३५
महका अतिका महकायो छातिकायो मगध भुजग पीदिक
जबू० प०६-१७१
तिलो० प० ८-२५० | महतमहेट्ठिमयं ते
जबू० प० २-५७ | महदामेट्ठि मिदगदी जबू० प० ३-२४० महदारस्स दुपा
२३७
जबृ प० ४-१७४
जबू० प०४-१८४ तिलो० प० ७-५१
मूला० ६३६
धम्मर० ४३ मूला० ६६७ पंचस० १-१४६
गो० जी० ५१३ भ० श्रारा० २५
गो० क० ६६ तिलो० प०३-२०१
मूला० ६१ गो० जी० ५४३
भ० श्रारा० १०५७
पवयणसा० ३-१७ तिलो० प० ४-४८८
रयणसा० १४२
मोक्खपा० ६
तच्चसा० २६
कल्लाणा० १७ भावसं० २० तिलो० सा० ६६३
भ० श्रारा० १८६५
जंबू० प० २- १३४ जंबू० प०११-१ तिलो० प० ४ - ६७६ तिलो० सा० ८१७
तिलो० प० ४-६६४
भावस० १६१ गो० जी० २०० मूला० १०८६
तिलो० सा० ८८० श्रंगप० ३-२६
सुदख० ६२ तिलो० प० ६-३६ तिलो० सा० २६२
तिलो० सा० २६२
तिलो० प० १-१५७ तिलो० सा० ४६७
तिलो० सा० ६६१

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