Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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२५८
वदसमिदिकसायाणं वदसमिदिकसायाणं * वदसमिदिपालणाए
-समिदि-सील - संजमवदसमिदिदियरोधो वदसमिदिदियरोहो वदमिदीगुत्ती वदसमितीगुती ओ
वदसीलगुणा जम्हा विदो तं देसं जाणं लाहो वध-बंध-रोध-धणहरण
समय० २७३
दव्वसं० ३५ | वरकरिणय दुक्कोसा मूला० १००३ | वरकप्परुक्खणिवहा
वरकप्प रुक्खरम्मा
मूला० २५५
वर कमलकुमुद कुवलयभ० श्रारा० ७६६ | वरकमलगभगोरो वप्पा सुवप्पा महावप्पा + तिलो० प० ४-२२०७ वरकमलसालिएहि य
तिलो० सा० ६६० | वरकलम सालितंडुलभ० श्रारा० १०१६ | वरकंचरण कयसोहा भ० श्रारा० १०१३ | वरका समुदा भ० श्रारा० १०१८ | वरकुटुबीयबुद्धी रयणसा० १३० वरकुंडकुडदीवा चारित्तपा० ३१ वरकेसरिरूढो भ० श्रारा० १४७८ | वरकोमलपल्लागा जंबू० प० ३ - २१३ वरगामयरवो भ० श्रारा० ६१२ वरगामरणयरपट्टणरिट्ठस० ३२ | वरचक्कवायरूढो श्रंगप० २-३४ arati at णियमसा० १५३ | वरचंदसूरगहणं
भावसं० २५ | वरचामरभामंडलवरचामरभामंडलवरचित्तकम्मपरा
वप्पा सुत्रप्पा महावप्पा + afai अमरिसं
वा
वमिदा अमेझम मियं व श्रमे वयगुण सीलपरीसह जयं वयगुत्ती मागुत्ती aruकमलेहिं गणिअभिवयणखिदिरहिय उच्छयवयणपडिवत्तिकुसलत्तणं वयम्मि गासियाए वहा जावदिया
वयमयं पडिकमणं वययिमसीलजुत्ता वयणियम सील संजम - वय एक रुहिरं वयहिं हिंय x वयहिं विदूहिं वि x वयणोच्चारणकिरियं
वय-तव-संजम - मूलगुण वय -तव- सीलममग्गो argकुरुदेहि ariगकारण होइ
वयमुह-बम्ह (ग्व) मुक्खा
araraघूगका गहि
पुरातन-जैनवाक्य-सूची
पंचस० १-१२७ | वयसम्मत्तविशुद्धे गो० जी० ४६४ वयससुभासुभ परिणामबा० अणु० ७६ | वरअट्ठपाडिहारे हि यिमसा० ११३ वरवर मज्झिमाणि पवयणसा० ३-८ | वरइंददिगुरुणो दव्वस० णय० ३३३ | वरइंदीवरवण्णा
वरकरणयरयणमरगय
वयवग्यतरच्छसिगाल
वयसमिदिगुत्तिजुत्ता
वयसमिदिगुत्तियादी
पवयणसा० २-४७
खाणसा० ५१
रिट्स० २६
पचमं० १- १६१ वर जिय पाव सुंदर हॅ गो० जी० ६४६ वरणगर - खेड - कव्वडमसा० १२२ | वरादितडेसु गिरि य जोगसा० २६ | वरदिगामेहि जुदा वसु० सा० २२२ वर दिया गायव्वा भावसं० १८६ | वसु० सा० २१४
वरणालियेहि रो वर यि दंसण हिमुहउ तिलो०१०४ - २७२६ वरतुरयसमारूढो तिलो० सा० १८२ वर तोरण जुत्ताओ तिलो० प० २ - ३११ | चरतोरणदारागं
श्रा० भ० ४ वरतोरणसंद्धरणो सुदखं० ६ । वरतोरणस्स उवरि
व
बोधपा० २६
छेदपिं० ३२६
वसु० सा० ४७३ तिलो० प० ७-११०
गो० क० ३६६
जंबू ० प०३-२०० जब० प० १- ४०
जंब० ५० ६-१२४ जब० प० २-४४ तिलो० प० ४ - १४१
जंबू ० प० ५-७६
a
जब ० प०८-६४ जबू०
० प०६-१७ वसु० सा० ४३० तिलो० प०८-२८३
गो० जी० ५२५ जोगिभ० १८
जंब० प० ३-१६२
तिलो० प०५-८६
जंबू ० ४ - १६६
जंबू ० ० ६-३३
जंबू० प० ६-१४५ जंबू ० प० ५-१०१ तिलो० प० ५-१० थंगप० २-१०६ तिलो० प० ४- १६६२
जबू० प० ३-१४०
ज० प० ३-५६ परम० प० २-१६ जबू० प० ८ - १०७
जब० प० १७०
जबू० प०८-१२० जब० प०८-१८६
जंब० प० ४-४६
परम० प०२-१८
जब० प० ५-६६
जंबू ० ० ७-६६
जब० प० ६-१४३
जब ० ० ८-६६ तिलो० प० ४-२५०

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