Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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स
वेरग्गपरो साहू वेरुलिय- सुमगभा वेरुलियजलहिदीवा वेलियदंडरिणवा वेरुलिया उरा वेरुलियफलिहमरगय
वेलियमय पढसं
doलियर जसोका
वेरुलियरयरिणम्मिय
वेरुलियरयणदडा dear बंध वेरुलियरयरणरणाला वेरुलियरुचकरुचिरं
वेरुलियवज्जमरगय
वेरुलियवज्जमरगय
वेरुलियाविमरणा वेरुलिर्याविमलाला वेरुलियाविमलदंड वेरुलियवेदिविहा
चेरुलियवेदिरिणवहा
वेलंधरदेवाण
वेलधरभुजगविमा
वेलंधरवंतरया
वेलबणामकूडे वेलुरियफला विद्दुमवेलो (द) यपष्फुल्लियवेसणसेवणमंत वेसमणरणामकूडो वेममणणामदेवो
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सहि लग्गइ धरिणयधणु
वैजण अत्थश्रवग्गहवॅतर अप्पमहडूदियवेंत रजो इसियाण चैतरणिवासखेचं
तरदेवा सवे तरदेवा बहुओ वात परे तिदुतिदुछचउवोच्छामि लयलईए चोदु गिलादि (मि) देहं वोलिय बंधावलिय
प्राकृतपद्यानुक्रमणी
मोक्खा० १०१
वोलाए सायर
तिलो० प० ४ - २०६३ | वोलेज्ज चंकमंतो तिलो० प०५-२४ बोसट्टचत्त देहो वो सहरयणमाला वोसरदि बाहुजुगलो
जबू० प० ४- २३३ जबू० प० ६ - ५६
जबू० प० ५-७३ तिलो० प० ४-७६६
तिलो० प० ८-३६६
जबू० प० ४-१७२
जंबू० प० १३ - ११३
जंबू ० ५० १३ - १२२
जबू० प० ६–१२५ - सइउठिया पसिद्धी
तिलो० प०८-१३
जंबू० प० ६-१२२
नवृ० प० १३ – ११५
|
स
जब० प० ८- १३०
ू
सावय० दो० ४४
स इदाणि कत्ता संसइ पच्चक्ख-परोक्खे समादिमूल वग्गे
जबू० प० ३-७४
सइ सुम्हि समक्खे जबू० प० ६-३२ | सई ठाणाओ भुल्ल
जबू० प० १३-१२६ । सहाॅ मिलिया सहाॅ विहडिया जब्० प० ६-१३१ | सउरीपुरम्मि जादो जबू० प० ६-१४१ सक-रिव-वास-जुदारणं जबू० प० १-३२ सक्कदिगिंदे सोमे तिलो० सा० ६०३ | सक्कदुगम्मिय वाहणत्रिलो० प० ४–२४६१ |सक्कदुगम्मि सहस्सा तिलरे० प० ४–२७७६ | सक्कदुगे चत्तारो तिलो० सा० १०१२ । सक्कदुगे तिरिण सया श्राय० ति० १–२३ | सक्कर पहुदिसु एवं अंगप० ३-२ सक्कर हुदीरये तिलो० प० ४ - १६५८ | सक्कर- वालुव (अ)- पंका
सक्करस मदिरादो सक्करस लोयपालो (ला) गो० जी० ३०६ सहविज्जद टुं तिलो० ० सा० २२१ सक्काई इंदत्तं तिलो० सा० २२५ |सक्कादीण वि पक्खं तिलो० प० ६-२ | सक्कादो से सुं तिलो० प०४-२३२६ सक्कारं उत्रकारं तिलो० ५० ४-२३८५ |सक्कारो सकारो ( मारणो ) छेदपिं० ७६ सक्का वसी छेत्तु
1
त्रिलो० प० १-१० सक्रिय जीव- पुग्गल भ० श्रारा० २७१ | सक्की साख गिहाणं लद्धिसा० ६३ सक्कीसारखा पढमं
विलो० प० ४-२६३
भ० श्रास० १७४४
भ० श्रारा० २०६८
० प० २०७१
मूला० ६५०
जब ०
२६६
गो० क० ८६३ पवयणसा० २-६४
छेदस० १६
० सा० ७२
छेदस० २०
भावस० ५८३
पाहु० दो० ७३
तिलो० प० ४-५४६ तिलो० प० ४- १४६६ तिलो० प०८-५३२ तिलो० प० ८-२७८ तिलो० प० ८-३०८
तिलो० प०८-३६२ तिलो० प० ८-३५८
प्रास० ति० २८
भावति ०
विलो०
० ४७
तिलो० प० २-२१ तिलो० प० ८-४०६ तिलो० प० ४ - १६६४
भ० श्रारा० ६६७ भावस० ६३६
तिलो० प० ४-१०२१ तिलो० प० ८-५१३
भ० श्रारा० ६४८
भ० श्रारा० ८८०
भ० श्रारा० ४३४
वसु० सा० ३३ तिलो० ०५०८-३६७
मूला० ११४८

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