Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 501
________________ प्राकृतपद्यानुक्रमणी ३०७ हुंकारंजलिभमुहंगुलीहिं भ० श्रारा० १६०४ | हेदु(उ)अभावे णियमा ४ समय० १६१ हुंडमसंपत्तं पि य x पचसं०४-२८१ | हेदुमभावे णियमा ४ पंचस्थि० १५० हुडमसंपत्तं पि यx पचस० ५-८२ हेदू चदुन्वियप्पो * समय० १७८ हुडं पत्तेयं पि व पचस०५-१०१ हेदू चदुव्यियप्पो * पंचत्थि. १४६ हुंडावसप्पिणिस्स य तिलो. प० ४-१२७८ हेदू पच्चयभूदा मूला० ६८५ हुंडावसप्पिणीए वसु० सा० ३८५ हेमगिरिस्स य पुवा- जबू०प०१०-५६ हुति अणियट्टिणो ते भावस. ६५१ हेमज्जुणतवणीया तिलो० सा० ५६६ हुति छयालीसं खलु सिद्धत०७४ हेममया तुगधरा तिलो. सा० ६२६ हूहूचउसीदिगुणं तिलो. प० ४-३०४ हेममया वक्खारा तिलो० सा० ६७० "हेउविसोवणीअं सम्मइ० ३-५८ हेमवदप्पहुदीणं तिलो० ५० ४-२५६८ हेऊ सुद्धे सिज्मइ दवस. णय०३६६ हेमवदभरहहिमवंत- तिलो० ५० ४-१६४६ हेट्ठिा हु चेट्टइ भावस० ६५६ हेमवदवस्सयाणं _ मूला० १११२ हेट्ठा अखसंभाग लदिसा० ५०० हेमवदवाहिणी तिलो०प०४-२३७६ हेढाकिट्टिप्पहुदिसु लद्धिसा० ५२५ हेमवदस्स य मज्झे जंवू० प०३-२१४ हेट्ठा जेसि जहएणं गो० जी० ११२ हेमवदस्स य रुंदा तिलो० प०४-१६६६ हेट्ठा दडस्संतो लदिसा० ६१७ | हेमवदंतिमजीवा तिलो० सा० ७७३ हेट्ठादो रज्जुघणा तिलो० ५० १-२४४ हेमते धिदिमंता मूला० ८६३ हेट्ठामज्झिमउवरि जंबू०प०११-१०६ हेमंते धिदमता धम्मर० १८६ हेट्ठासीसं थोवं लद्धिसा० २८४ हेमंते विहु दिवसे छेदस०३२ हेट्ठासीसे उभयं लद्धिसा० २८३ हेया कम्मे जणिया दवस० णय०७६ हेट्ठिमउक्कस्सं पुण गो० जी० ६०० हेयोपादेयविदो दवस० णय० ३५१ हेट्ठिमखडुक्क गो० क० ६५९ | हेरण्णवदभंतर तिलो. ५०४-२३६२ हेट्ठिमगेविजाण दु जबू० प० ११-३५१ हेरगणवदे खेत्ते जबू० प०३-२३२ हेहिमगेविन्नाण य जंवृ० ५० ११-३३४ | हेरण्णवदो मणिकचण- तिलो० प० ४-२३४० हेट्ठिमगेविज्जेसु य मूला० १०६७ जबू०प०११-३३१ हेट्ठिमछप्पुढवीणं गो० जी० १२७ भ० श्रारा० २१० हेट्ठिमछप्पुढवीणं गो० जी० १५३ | होइ गारो णिल्लज्जो भ० श्रारा० १६४३ हेट्ठिमणुभयवरादो लद्धिसा० ५१७ | होइ ण होइ य कज्जं प्राय० ति० २३-२ हेटिम-मझिम-उवरिम- तिलो० ५० १-५५१ / होइ वणिज्जु ण पोट्टलिहि सावय० दो० १०६ हेट्टिम-मज्झिम-उवरिम- तिलो० १० ४-५२४ | होइ विमोड पुरजय तिलो० सा० ६६८ हेट्ठिम-मज्झिम-उवरिम- तिलो० ५००-१४७ होइ सयं पि विसीलो भ. पारा० १३४ हेट्ठिम-मज्झिम-उवरिम- तिलो० ५०८-१६६ होइ सुतवो य दीवो म. पारा० १४६६ हेट्ठिम-मज्झिम-उवरिम- तिलो० ५० -६६४ होऊण खयरणाहो वसु० सा० १३१ हेट्ठिम-मज्झे उवरिं तिलो० ५०८-११६ होऊण खीणमोहो भावस०६६४ हेट्ठिमलोए लोश्रो तिलो० ५० १-१६६ होऊण चक्कवट्टी भावसं०४८४ हेट्ठिमलोयायारो तिलो० ५० १-१३७ होऊण चक्कवट्टी वसु० सा० १२६ हेट्ठिमहेट्ठिमपमुहं तिलो० ५००-१४७ | होऊण जत्थ सट्ठा दव्वस० णय० ३५६ हेछिल्लम्मि तिभागे तिलो०प० ४--२४३२ होऊण तेयसत्ता मूला० ७१७ हेडवरिमतियभागे तिलो० सा० ८१८ | होऊण दिढचरित्तो मोक्खपा० ४१ हेट्टोवरिदं मेलिद- तिलो० ५० १-१४२ | होऊण परमदेवो धम्मर० १०७

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