Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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स
सामाणित रक्खा सामायितर रक्खा सामाणियदेवारां सामाणि देवी
सामायिपदी सामारियाणि वि तहा
सामी सम्माि
सायरमा इगिदुति
Artist
सारगो बल्ल गो सायरतरंगसहि सायरसमं तुरिये
सायरसंखा एसा सायं (तं) कराररणच्चुदसाय चउपच्चइओ साय तिष्णेवाउग
सायतो जयंते
सायाणं च पयारे
सायारणायारा
सायारइयरठवरणा सायारे वट्टगो
साया सायारो यारो
सायासायं दो वि
सारसविमारूढो
सारस्सदत्र्याइच्च पहु
सारस्सद श्रइच्चा सारस्सदरणामाणं.
सारसरिद्वा
सारभहँ एहवरणाइयहॅ सारीरादो दुक्खा सारी रियादो सालत्तयपरियरिया सालत्तयपरिवेढिय
सालत्तयपीढत्तयसालत्तयबाहिरए
सालविण
साला विक्खंभो सालि - जव-वल्ल- तुवरीसालो कपम
प्राकृतपद्यानुक्रमरणा
तिलो० प०७-७८ | सालोयर विउसग्गो तिलो० प० ४-२०८३ | सावज्जकरणजोग्गं तिलो० प० ४ - २१७४ सावज्जजोगपरिवज्जहं तिलो० १० ८-३२२ | सावज्जजोग्गवयण तिलो० प० ४ - २०८४ सावज्जस किलिट्टो जवू० १०६ - १४१ | सावराकिरहे तेरसि दव्वस० एय० १६३ | सावबहुले पाडिव - तिलो० ५०२-२०७ |सावणमाघे सव्वमंतरजबू० १० २ - ११३ | सावरणसियन क्खस्स [य] मूला० ८७ सावरिणयपुरिणमाए सावदसयारपुचरिये सावधि परिचत्ते साध्यगुणेहिं जुत्ता
चसु० सा० १७४
तिलो० प० ८ - १६ | सावयगुणोववेो पंच० ४-४८२ | सावयधम्महॅ सयलहॅ मि
पंचस० ४-४४७
पचस० ४-३२२ तिलो० प० ४-३४७
सावयधम्मं चत्ता सावंदरा जिरणुत्ता साना हवे विरता सावित्थीए संभवदेवो
तिलो० प० २-२८३
दव्वस० य० २७३ | सासरण - अयद - पमन्ते नद्धिसा० १०१ | सास ठिऽणादुगं वसु० सा० २ सासण पमत्तवज्जं भावसं० २८६ | सासरण मिस्स विहीगा पचस० ४-४७५ | सासरणमिस्से देसे जबू० १० ५-६६ | सासण मिस्से पुग्वे तिलो० सा० ५३७ सासणमम्माइट्ठी तिनो० सा० २३५ | सासणसम्माइट्ठी तिलो० १० ८- ६१६ सासरणसम्मे सत्त अ
सासद - पत्थरण-लालस
तिलो० प० ८-६२३ सावय० दो० २०४
सासदपदमावरणं भ० श्रारा० १५६८ | सास ( ग ) - सिवा - करटासो (?) कत्ति० अ० ६० साहम्मउव्व प्रत्थं तिलो० प० ४ ८०७ साहरणवादरेसु - तिलो० प०४ - ८३४ | साहरणासाहरणे तिलो० सा० १०१३ साहस्सिया दुमच्छा तिलो० प० ४ -७८१ साहस्सिया दु मच्छा रयणसा० ६२ | साहति जं महल्ला तिलो० प०४-८४८ साहारण पत्तेयसरीरतिलो० प० ४-४६६ | साहारणपत्तेयं तिलो० प०४-७१२ | साहारणात्तेयं *
ज० प० ४-२३१
तिलो० सा० १६६
२६१
छेदपिं० १६३
मूला० ८००
मूला० २३०
मूला० ३१७
भ० श्रारा० ६२४ तिलो० प० ७-५३२ तिलो० प० १-७०
तिलो०
१० सा० ३८१
रिट्स० २३५ तिलो० प० ४-११६३
मूला- ७६३ छेदपिं० १३८ कत्ति ० श्रणु ० १६६
वसु० सा० ३८
सावय० दो० ७८
चा० शु० ८१
श्रगप० ३-१६
भ० श्रारा० १०५८
तिलो० प० ४-५२७
गो० क० ४६६ भावति० ५३ गो० क० ५५७
तिलो० प० ५-३०१
गो० क० ३६१
पस० ५-३१२
पचस० ४-३७३
पचस० ४-३३३ पंच० ४-१८ कसायपा० ६०(३७) तिलो० प० १-८६
रिहस० १७३
सम्मइ० ३-१६ गो० जी० २१०
सिद्धभ० ५
मूला० १०८३
जंबू० प० ११–६३ चारित्तपा० ३०
तिलो० प०५-२७८
पचसं० ४-२८३ पचसं० ५-७६

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