Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 451
________________ २५७ प्राकृतपद्यानुक्रमणी वणवेदिएहिं जुत्तो जबू० प. ८-१७१ / वराणेदि तप्फलमवि अगप०३-२६ वणवेदिएहिं जुत्तो जंब० ५० १-१२ वरणेसु तीसु एको पवयणसा०३-२४क्षे०१५(ज) वणवेदिएहिं जुत्तो जब०प०६-५४ | वरुणो णाणं ण हवइ । समय० ३६३ वणवेदिएहि जुत्तो जव० ५० १-१३४ | वएणोदयसंपादित(य)- गो० जी० ५३५ वणवेदियपरिखित्ता जव० प० २-१०५ वगणोदयेण जणिदो गो० जी० ४६३ वणवेदियपरिखित्ता जब० ५०२-१६६ वण्ही-अरुणा देवा तिलो०प०८-६२४ वणवेदिविप्फुरंता जव० प०६-१४४ वत्तणगुणजुत्ता भावस० ३०६ वणवेदीजुत्ताओ जबू० प० ४-११७ वत्तहेदू कालो गो० जी० ५६७ वणवेदीपरिखित्ता जव० प० २-१३ वत्ता कत्ता च मुणी भ० श्रारा० ५०० वणवेदीपरिखित्ता जव०प० २-१८ वत्तारा बहुभेया अगप०२-८० वणवेदीपरिखित्ता जव० ५०४-७७ वत्तावत्तपमाए * पचस० १-१४ वणवेदीपरिखित्ता जंब . प०४-२४३ वत्तावत्तपमाए * भावस. ६०१ वणवेदीपरिखित्ते जव०प०४-८२ वत्तावत्तपमादे* गो० जी० ३३ वणसडवत्थवाहा तिलो० ५० ४-१२६ वत्तियमाणेण तहा जव. प. १३-८४ वणसडसंपरिउडो जवू० प०८-६५ वत्थक्खडं दुद्दिय- पवयणसा०३-२०२०४(ज) वणसडसपरिउडो जव० प० ६-३७ वत्थस्स सेदभावो समय० १५७ वणसंडणामजुत्तो तिलो. प०५-८५ समय० १५८ वत्थरस सेदभावो वरणसडेसुं दिव्या तिलो० प०४-२५३५ समय० १५६ वत्थस्स सेदभावो वरणसंडेहि य रम्मो जव०प०८-३६ वत्थगदुमा णेया जंब प०२-१३३ वणसडेहिं सहिया जव० ५० १-१४२ | वत्थंगा णित्त(च)पड- तिलो. प. ४-३४५ वणि देवलि तित्थइँ भमहिं पाहु० दो० १८७ | वत्थंगा वरवत्थे भावस० ५८६ वरणचउक्कमसत्थ गो० क. १७० वत्थाजिणवक्केण य मूला० ३० वरणरणउलो विजो भ० श्रारा० ११३२ वत्यादियसम्माणं वसु० सा० ४०६ वरुण रस गध एक दन्वस० णय० १०१ वस्थित्थिभूसणाणं धम्मर० १५१ वरपरसगंधजुत्तं __ भ. थारा० ५६६ वत्थीहिं अवदवणता- भ. श्रारा० १४६६ वरगारसगंधपासं तिलो. प०८-५६८ वत्थुणिमित्त भावोx गो० जो० ६७१ वरणारसगंधफासं पंचस. ४-४१० ॥ वत्थुणिमित्तो भावोx पंचस० १-१७८ वरगारमगंधफासा पचत्थि० ५१ परम०प०२-१८० पघयणसा० २-४० वरणरसगधफासा रयणसा० ७८ वत्थुसमग्गो गाणी वरणरसगंधफासा णियमसा० ४५ वत्थुसमग्गो मूढो रयणसा० ७७ वरुणरसगधफासा पचसः २-६ गो० जी०३११ वत्थुस्स पदेसादो वएणरसगधफासा* कम्मप० १०५ वत्थु पडुच्च जं पुण समय० २६५ वरणरसगधफासा पचस०२-७ वत्थूण असगहणं दव्वस० गय०३६५ वरणरसगंधफासेहि वसु० सा० ४७६ वत्थूण ज सहाव दव्वस० णय० ३२५ वएणरसगंवफासे तिलो० ५० १-१०० वत्थू पमाणविसय दव्वस० गय० १७१ वरणरसगधफासे तिलो. ५०३-२०६ | वत्थू हवेइ तचं दव्वस० णय० ५४ वरण रस पच गंधा दव्वस०५ वद-णियमाणि धरता समय० १५३ वरणविहूणउ णाणमउ पाहु० दो० ३८ | वददसणा दु भट्ठे छेदस० ६३ वरिणज्जइ गइभेया अगप० २-११० | वदभडभरिदमारुहिद- भ० श्रारा० १२८६ वरिणदसुराण णयरी- तिलो. ५० ४-२४५४ | व(ब)दरक्खामलयप्पम- तिलो० सा० ७८६

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