Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 391
________________ प पडिसमयं उक्कदि पडसमय उक्कदृदि पsिसमय दिव्वनम पडसमय परिणामो पडिसमय संखेद पडसमयं सुज्झतो पडि सेवरणादिचारे डिसेवादारे डिसेवादी हाणी पडिसेवा पडिसुगण डिसेवित्ता कोई पडुपपदीहिं पडुपडहसंखकाहलपडुपडहसंखमद्दल पढमकसायचउक्क पढमकसायचउक्क पढमकसायचउक्क पढमतईज्जा सुहया पढमतियं च य पढमं पढमतिया दव्वत्था x पढमतिया दव्वस्था x पढम-दुइज्ज-तइज्जा पढमदुगे कावोदा पढमदुगे पण परणय पढमदु माविमरणे लद्धिसा० ७४ पढमधरंतमसरणी लद्धिसा० ३६६ | पढमधरतमसरणी दिसा० ६१४ पढमपरिणददेवा कमि० श्रणु० २३८ | पढमपहमठियाण दिसा० ५२० पढमपहाटो चढ़ा कत्ति० श्रणु० ४८२ | पढमपहादो बाहिरभ० प्रा० ६१६ | पढमपहादो रविणो पढप दिवो पढम-विदियवी प्राकृतपद्यानुक्रमणी भ० श्रारा० ६२१ भ० रा० ६२३ मूला० ४१४ भ० श्रारा० ६२५ तिलो० प०३-२३३ जबु० ५०५-११४ तिलो० प० ३ - २२२ | पढमरणडसीदसो पढमकसायच उण्हं पढमकसायाणं च विसजोजक पढमक्खो तगदो + पढमक्खो तगदो + पढमगमायारि पढमगुण से ढिसी सं पढमगुणे परणवण्णं पढमच उक्के रिणत्थी - * पढमचउक्के रिणत्थी - * पढमचऊ सीदिचऊ पढमजिणो सोलससय पढमट्ठिद्धिं पढमट्ठिदिखडुक्की - पढमट्ठिदियावलिपडिपढमट्ठदिसीसादो पचस० ४-४६ पढमवलएसु चढा पचस० ५-४८१| पढमसमयकिट्टीग पचस० ५-४८५ कत्ति ० ० १०७ गो० क० ४४८ मूला० १०३८ पढमस्स संगहस्स य पढमहरी सत्तमिए पढम वरवरट्ठदिखडं पढमं असतवयणं पढमं गोमुत्ते पढमं चिय जो कज्ज लद्धिसा० ५८७ पढम चिय भावाणं सिद्ध०७३ | पढमं जिदिपूय पचस० ५- २५ |पढमंतिम वीहीदो गो० जी० ४० बद्धिसा० ५५५ पंचस० ४- २४५ पढमं एक्को वि पढमं पढमतिचउपरण पढमम्मि अधियपल्ल पढमम्मि कालसमये पढमम्मि इदयम्मि य पढमम्मि सो पत्थो तिलो० गरे० क० ७२५ तिलों० सा० ८७६ पढमं पढम खंड लद्धिसा० २७६ पढमं पदपमा‍ पढमं पुढविमसरणी लद्धिसा० १७७ लद्धिसा० लद्धिसा० २७० पढमं बीयं तइयं पढमं मिच्छादिट्ठि पढमं मुत्तसरूव पढमं व विदियकरण श्राय० ति० २२-८ गो० क० ५१० णयच० ४४ दव्वस० य० २१६ छेदपि • ० २३८ भावति० ५० सिद्धत० ४७ ० सा० ८४० पढम विलाहार पढम सरीरविसय पढमं सव्वदिचार पढमं सालंबे पढमं सीलप्रमाण पढमाइ-चउ छ - लेस्सा 1 १६५ f तिलो० प० २-२८४ तिलो० प०५-३११ तिलो० प० ५-४६ तिलो० प० ७-५८६ तिलो० प० ७-१२७ तिलो० प० ७-४१५ तिलो० प० ७-२२७ तिलो० प० ७-२७८ तिलो० प०२-१६४ तिली० प० ८-५२० जवृ० प०२-११७ तिलो० प० २-३८ थाय० ति० ४-२० तिलो० सा० ६१२ जबू० प० १२-४१ वसायपा० १७६ (१२३) लद्धिसा० ५१२ तिलो० प० ४-१४३६ लद्धिसा० ७७ भ० श्रारा० ८२४ रिट्ठस० १५५ श्राय० ति० ५-१ शाय० ति० ५-१ धम्मर० १७३ तिलो० सा० ४१२ श्राय० ति० २-५ गो० क० ६६६ गो० क० ६६ गो० जी० ३७ मूला० ११५३ भावसं० ६८६ चंगप० २-३५ दव्वस० णय० ३६५ लद्धिसा० ५० मूला० ६६६ रिट्स० १३६ मूला० १२० ढाढसी० १४ मूला० १०३६ पचस० १-१८७

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