Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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२०६
पुरातन-जैनवाक्य-सूची
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पंचक्खा वि य तिविहा कत्ति० अणु० २१६ | | पंचत्थिंकायकहणं
अंगप० ५-६३ पंचक्खे चउलक्खा तिलो० ५० ५-२६६ | पंचत्थिकायछज्जीव
मूला० ३६६ पंचगयणट्ठअट्ठा तिलो० प०७-२५२ | पंचदहे वि तिहीओ रिट्टस० १६६ पंचगयणेक्कदुगचउ- तिलो० ५०४-२७०५ पंचदुगअट्ठसत्ता तिलो०९०७-३२६ पंच चउक्के बारस
कसायपा० ३६ पंचधगुस्सयतुगा जंवृ० ५० १-१४२ पंच चउठाणछक्का तिलों०प०७-५६५ | पचधणुस्सयतुंगा जं. प. ४-१८ पंचचउतियदुगाणिं सिलो. प०८-२८८ | पंच परा गयण दुग चउ तिलो०५०७-३८३ पंच चदु सुरण सत्त य श्रास० ति०'११ पंचपलिदोवमाई जंबु०प०११-२६६ पंच च्चिय कोदंडा तिलो० प० २-२२५ पंचबलकाउ(पुलगाउ)अंगो- तिलो०५० ४-६२१ पंचच्छसत्तजोयण- म० श्रारा० ४०१ पंच बलह ण रक्खियई पाहु० दो० ४४ पंच छ सत्त हत्थे मूला. १६५ | पंचम उगुतीदिमा
छेदपि ० २३६ पंच जिणिंदे वंदति तिलो० ५० ४-१४१२ पंचमओ वि तिकूडो तिलो. ५० ४-२२०६ पंचट्ठपणसहस्सा तिलो० ५०४-११३६ / पंचमकालवसाणे . जव० प० २-१८४ पंचणमोकारमयं
धम्मर० १५२ | पचमखिदिए तुरिमे तिलो०५०२-३० पंचणमोयारेहिं
वसु० सा० ४५७ | पंचमखिदिणारइया तिलो० प० २-६ पंच णव दोषिण अट्ठा-5 मूला० १२२३ | पंचमखिदिपरियंत तिलो. प० २-२८५ पंच णव दोगिण अट्ठा-5 पंचसं० २-४ | पंचमचरिमे पक्खड- तिलो० सा० ५६ पंच णव दोरिण अट्ठा- * गो० क. २६ / पंचमणाणसमग्गं जंबू०प०४-२८७ पंच णव दोरिण अट्ठा- * कम्मप० १-७ | पंचमभागपमारणा तिलो० सा० १६७ पंच णव दोगिण अट्ठा-४ गो० क० २२ | पंचमयं गुणठाणं
। भावसं० ३५० पंच णव दोरिण अट्ठा- x कम्मप० ३६ | पंचमयं गुणठाणं
भावसं० ५६६ पंच णव दोरिण अट्ठा- + गो.क०३८
पंचसं० ४-४०१ पंच णव दोषिण अट्ठा- + कम्मप १०६ | पंचमवत्थुचउत्थप्पाहुड
अंगप०२-४४ पंच णव दोरिण छवी-- पचस० २-५ | पचमसुरेण जुत्ता
जंवू०प०४-२२६ पंच णव दोरिण छन्वी-- गो० क० ३५ | पंचमहव्वदगुत्तो
1" मुला० ५६० पंच णव दोरिण छन्वी-- कम्मप० १०६ / पंचमहव्वदभट्ठो
छेदपि० २५४ पंचएह गिदाणं गो० क० ७२ / पंचमहव्वयालो
णाणसा०.५ पंचतिचउविहाई छेदपिं० ३२४ | पंचमहन्वयजुत्ता
कत्ति० अणु० १६५ पंचतितिएक्कदुगणभ- तिलो० प०४-२३७३ | पंचमहन्वयजुत्ता
कल्लाणा० २६ पंचतियचउविहेहि पंचसं० १-१३५ पंचमहब्बयजुत्ता
* बोधपा० ४४ पंचतियचहुविहेहि गो० जी० ४७५ | पंचमहव्वयजुत्तो
मोक्खपा० ३३ पंचतियं बारसयं जबु० ५० ११-४६ पंचमहन्वयजुत्तो
सुत्तपा०२० पंचत्तालसहस्सा तिलो. प०७-२३२ | पंचमहायजुत्तो
भ० धारा०३५६ पंचत्तालसहस्सा तिलो. प० ७-३५० पंचमहन्वयतुंगा
तिलो० ५० १-३ पंचत्तालं लक्खं
तिलो० प०८-१८ पंचमहव्वयधरणं पंचत्तीस-सहस्सा तिलो. प०७-३४७ | पंचमहत्वयधारी पंचत्तीस-सहस्सा तिलो० ५००-६३२ | पंचमहन्वयमणसा
बा०शणु० ६२ पंचत्तीसं लक्खा तिलो. प० ६-७४ | पंचमहव्वयरक्खा
भ० पारा० ७२३ पंचत्तीसं लक्खा तिलो० प०८-३४ | पंचमहन्वयसहिदा
तिलो० ५०-६५ पंचत्तीसं लक्खा तिलो० ५०८-२६४ | पंचमहन्वयसुद्धो
जंवू० ५० १३-१५८
मावस० १२५ मूला०८७१

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