Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 414
________________ २१८ पुरातन-जैनवाक्य-सूची पोक्खरिणीवावीहि तिलो० ५० ४-२२४५ | फरसिंदिउ मा लालि जिय सावय० दो० १२३ पोखरिणीवावीहिं तिलो० प०४-२२७४ फल-कंद-मूल-चीय मुला० २५ पोग्गलअइरुक्खाटो तिलो० सा० ८६२ फल-फुल्ल-छल्लि-वल्ली क्ल्लाणा १८ पोग्गलजीवणिवद्धो पवयणसा० २-३६ / फलभारणमिदसाली- तिलो० ५० ४-०८ पोग्गलदव्चम्हि अणू गो० जी०५६२ फलभारणमियसाली- जंबू०प०१३-१०८ पोग्गलदव्वं उच्चड णियमसा० २६ फलमुत्तिमं धयगया श्रायः ति०२२-६ पोग्गलदव्वं सद्दत्त समय० ३७४ | फलमूलदलप्पहदि तिलो० प० ४-१५६१ पोग्गलदव्वाणं पुण गो० जी०५८४ | फलमेयस्सा भोत्तण वसु० सा० ३७८ पोलियइँ मणिमोत्तिय सावय० दो० १३० फलहोडीबरगामे । णिव्वाभ.१४ पोट्टहें लग्गिवि पावमइ सावय० दो० १०६ । फलिह प्पवाल-मरगय- तिलो. प०४-२२७३ पोतजरायुजअडज- गो० जी० ८४ फलिहमणिभित्तिणिवहा जंबू० ५० ५-२५ पोत्थयजिणपडिमाफोडणम्मि छेदपि ० १६७ फलिहमणिभवणणिवहा जंबू० प० ६-५० पोत्थय दिएण ण मुणिवरहें सावय० दो० १५६ फलिह रजदं व कुमुदं तिलो० सा० ६५० पोत्थयपिच्छकमंडलु- छेदपि ० १७७ फलिहसिलापरिघडियं जबू० प० १३-१२६ पोत्था पढणिं मोक्खु कहें, पाहु० दो० १४६ | फलिहो व दुगदीणं भ. श्रारा० १४६८ पोथइकमंडलाई णियमसा० ६४ फाडंति आरडता जंबू० प०११-१६६ पोथिलिहावणथं छेदपि ६४ फालिज्जते केई तिलो० प०२-३२५ पोराणफम्मखमणं मूला० ३६३ फासरसगधरूवे गो० जी० १६५ पोराण(णि)यकम्मरयं मूला०२८७ फासरसरूवगंधा तञ्चला० २१ पोराणिया तदा ते तिलो० सा० १८३ फासं अट्ठवियप्पं क्म्मप० ६३ पोसह उवओ(हे) पक्खे मूला०६१५ फासित्ता जंगहरणं जबू०प०१३-६७ फासिदिएण गोवे भ० श्रारा० १३५६ फासुगदाणं फासुग मूला. ६३६ फासुयजलेण हाइय भावस० ४२६ फासुयभूमिपएसे मूला० ३२ फरगुणकसणचउद्दसि- तिलो० प० ४-६५४ फासुयमग्गेण दिवा मूला० ११ फग्गुणकसिणे सत्तमि- तिलो० प०४-६८३ फासे रसे य गंधे मूला० १०६६ फग्गुणकिण्हचउत्थी- तिलो. प०४-११८८ फासेहिं तं चरितं म० श्रारा० ५२२ फग्गुणकिएहसवणमे तिलो० प०४-७६ फासेहिं पुग्गलाणं पवयणसा० २-५ फगुणकिरहे छट्ठी- तिलो० ५०४-६६६ फास्गे ण हवइ णाणं समय० ३६६ फग्गुणकिण्हे वारसि- तिलो० प०४-६६४ फासो रसो य गधो पवयणसा०१-५६ फग्गुणकिएहे वारसि- तिलो० प० ४-५२०३ फिडिदा संती बोधी भ० श्रारा० १८७२ फग्गुणकिण्हेयारसि- तिलो० प० ४-६७८ फुल्लतकुमुदकुवलय- तिलो० ५० ४-७६७४ फग्गुणचाउम्मासिय- छेदपि० ११६ फुल्लंतकुंदकुवलय- तिलो. प०८-२४६ फग्गुणदहदियहाई रिस० २३३ फुल्लिय-मउलिय-कलिया श्राय० ति० १-२८ फग्गुणबहुलच्छट्ठी- तिलो० प०४-११८६ फुल्लिय मित्तो भरियो आय० ति० ६-३ फग्गुणवहुले पंचमि- तिलो० ५०४-११६४ फड़यगे एक्केके गो० क० २२५ फझ्यसंखाहि गुणं गो० क. २२६ फणिगरुडसेसयाणं तिलो० सा०२४५ जिय

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