Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 419
________________ २२३ प्राकृतपद्यानुक्रमणी बायालं पि पसत्था पचसं०४-४४६ / बारस य वेयणीए * गो० क० १३६ बारचउतिदुगमेक गो० क० ८३६ | बारस य वेयणीए * कम्मप० १३१ बारहछवीसं गो० क० ८५० | बारस य सयसहस्सा जबू० प०४-१५३ बारस अचक्खुअवहिसु सिद्धत० २६ | वारसवएहिं जुत्तो कत्ति० अणु० ३६६ वारस अट्ट य चउरो छेदर्पि० ११६ बारसवच्छरसमधिय- तिलो० ५० ४-६४२ वारस अणुवेक्खाओ बा० घणु० ८७ वारसवरिसाणेवं छेदपि०२६८ बारस अणुवेक्खाओ कत्ति० अणु० ४८८ वारसवास वियक्खे कत्ति. अणु० १६३ वारसअभहियसय तिलो० ५० ४-२०३५ वारसवाससहस्सा मूला० ११०५ बारसअंगवियाणं वोधपा० ६२ | बारसवासाणि वि संव- भ० श्रारा० ११५ वारसकप्पा केई तितो० ५०८-११५ | बारसवासा वेईदियाण- मूला० ११०८ वारसकोडाकोडी __ जंवू० ५० ११-१३ | बारसविधम्हि य तवे x मूला० ६७० वारस चक्खुदुगे णव सिद्धत० १८ | बारसविधम्हि वि तवे x मूला०४०६ बारसचदुसहियदहा जवृ०प०१-६७ वारसविहकप्पाणं तिलो० प०८-२१४ बारस चेव सहस्सा जबू० प० ११-१६ वारसविहतवजुत्ता दसणपा० ३६ वारस चोदस सोलस तिलो० सा० ४६८ वारसविहतवयरणं भाधपा० ७८ वारसछच्चदुतिरह छेदपि०१७ | बारसविहम्दि य तवे x भ० श्रारा० १०७ वारसजुददुसएहिं तिलो. प०४-२६२२ | वारसविहेण तवसा कत्ति० अ० १०२ वारसजुददुसएहिं तिलो० प०४-२८३६ बारसवेदिसमग्गं __ जंबू० ५० ५-४५ बारसजुदसत्तसया तिलो० ५० ७-१४७ बारससयतेसीदी गो० क० ४८७ बारसजोयणलक्खा तिलो० ५०२-१४३ | बारससयपणुवीसं तिलो०प०४-२५८ बारसजोयणलक्खा तिलो० ५० २-१४४ । बारससयाणि पराणा- तिलो० ५० ४-१२६५. बारसजोयण सखो कत्ति० अनु० १६७ बारस सरासणाणि तिलो. प० २-२६० बारस णव छत्तिरिण य कसायपा० १६३(११०) बारस सरासणाणिं तिलो०प०२-२३६ वारसदितिभागा तिलो. प०८-५४४ बारस सरासणाणिं तिलो० प०२-२३७ वारसदिणेसु जलपह- तिलो. प० ३-११२ वारससहस्सजोयण- तिलो०प०५-२२६ बारसदेवसहस्सा तिलो० ५० ५-२१७ बारससहस्सजोयण तिलो. प. ६-८ वारसपएणट्ठाई पंचस०५-३०८ बारससहस्सजोयण- तिलो०५०८-४३३ बारसभगे वि गुणे पंचसं० ५-३५४ बारससहस्सणवसय- तिलो०प०८-४८ बारसभेो भणियो कत्ति० अणु० ४३६ बारससहस्सपावसय- तिलो० प०८-७८ बारसमम्मि य तिरिया तिलो०प०४-८६१ बारससहरसपणसय- तिलो०प०४-२५६६ बारममुहुत्तयाणिं तिलो० प०३-११५ | बारससहस्सवेसय- तिलो० ५० ६-२३ बारसमुहुत्तयाणिं तिलो०प०७-२८३ बारससहस्समेत्ता तिलो०१०४-२२७२ बारसमुहुत्तयाणिं तिलो०प०७-२८५ बारसहदगिलक्खं तिलो. प०४-५६४ वारसमुहुत्तयाणिं तिलो०प०७-२८७ वारसग जिणक्खादं मूला०५११ बारसमुहुत्त सायं पचसं० ४-४०५ बारहअगंगीजा(गगिविज्जा) वसु० सा० ३६१ बारस य दोणमेहा जबू० प०७-५८ बारहजोयण गंतुं जंबू०प०७-११७ वारस य बारसीओ वसु० सा० ३७० बारहजोयण णेया जबू०प०७-४० बारस य वेदणीए * 'मूला० १२३६ | बारहजोयणदीहा जंवू०प०५-४६ वारस य वेयणीए * पचस० ४-४०३ | वारह-जोयण-दीहा जबू०प०८-२६ बारस य वेयणीए भावसं० ३४३ | वारह-जोयण-मज्झे छेदर्पि०१४४

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