Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 400
________________ २०४ पुरातन-जैनवाक्य-सूची परियम्मसुत्तपुच्वग सुदख० २२ पलिदोवमद्धमाऊ तिलो० ५० ४-१२५६ परियम्मं पंचविहं अंगप० २-१ | पलिदोवमद्धसमधिय तिलो० प० ४-१२५१ परियाइगमालोचिय भ० श्रारा. २०३३ लद्धिसा० १५६ परिवजिऊण पिच्छं दसणसा० ३४ | पलिदोवमसंतादो लदिसा. १६० परिवज्जिय सुहुमाणं कत्ति० अणु० १५६ | पलिदोवमस्स पादे । तिलो० ५०४-१२४५ परिवढिदो(ट्टिदा)वधाणो भ० श्रारा० २६६ | पलिदोवमं दिवढं सिलो. प०८-५३४ परिवाजगाण णियमा मूला० ११७३ पलिदोवमाउजुत्तो तिलो. प० ६-११ परिवारइढिसक्कार- ___मूला० ६८१ पलिदोवमाउजुत्तो तिलो० ५० ६-८६ परिवारवल्लभाओ तिलो० ५०८-३१४ पलिदोवमाउठिदिया जबू०प०३-३ परिवारसमाणा ते तिलो० ५०३-६८ | पलिदोवमाऊगा ते जंवू० प० २-१६६ परिवारा देवीओ तिलो० ५० ५-२१६ | पलिदोवमाणि आऊ तिलो० ५० ८-५१८ परिवेढेदि समुद्दो तिलो० ५०४-२७१५ | पलिदोवमाणि पण व तिलो० ५०८-५२४ परिसत्तयजेट्ठाऊ तिलो. ५०३-१५३ | पलिदोवमाणि पण णव तिलो० ५०८-५२७ परिस-रस-घाण-चक्खू- छेदस० ४६ पलिदोवमाणि पंच य तिलो० ५० ५३० परिसह-दवग्गि-तत्तो श्रारा० सा०४६ तिलो०प०६-१ परिसहपरचक्कभिओ श्रारा०सा० ४५ पलियाणसेज्जगदा मूला० ७६५ परिसहभडाण भीया श्रारा० सा०४४ पलियंकणिसेज्जगदो मूला० २१ परिसहसुहडेहिं जिय । श्रारा० सा०४१ पलियफासणदीहा जबू० प० ५-५७ परिसुद्धं सायारं सम्मइ०२-११ पलिहाणं दाराणं तिलो. १०४-२०५६ परिसुद्धो णयवाओ सम्मइ० ३-४६ पल्लघणं विदगुल तिलो० सा० ७८ परिहर असंतवयर्ण भ० श्रारा०८२३ तिलो. सा० परिहरइ तरुणगोट्ठी म. श्रारा० १०८४ मूला० १११८ परिहर छन्नीवणिकाय- भ० श्रारा० ७७६ तिलो. सा० ७६२ परिहर तं मिच्छत्तं भ० श्रारा० ७२५ | पल्लट्ठिदिदो उवरि लद्धिसा० १२० परिहरि कोहु खमाइ करि सावय. दो० १३१ । पल्लतियं उवहीणं गो० जी० २५१ परिहरि पुत्त वि अप्पणउ सावय० दो १४६ | पल्लतुरियादिचयपल्लंत- तिलो० सा० ८१४ परिहरिय रायदोसे धारा० सा० ७१ पल्लद्ध(ट्र)दि भागेहिं (१) तिलो० ५० ६-६४ परिहाणिवढिवज्जिय जवू. ५० ७-६३ पल्लद्धे बोलीणे तिलो० ५० ४-५६६ परिहारस्स जहरणं लद्धिसा० २०० पल्लपमाणा उहिदि तिलो० ५० ५-१६४ परिहारे आहारय सिद्धत०६०। पल्लसमऊणकाले गो० जी० ४१० परिहारे बंधतियं गो० क. ७२७ । पल्लसमुद्दे उवमं तिलो० ५० १-६३ परिहीसु ते चरंते तिलो० प० ७-४५६ | पल्लस्स दृमभाए पर जाणंतु वि परम-मुणि परम० ५० २-१०८ पल्लस्स तस्म मारणं लद्धिसा० १२१ परु पीडिव धणु संचियइ सुप्प० दो० ३० पल्लस्स पादमद्धं तिलो०प०४-१२७७ परुसवयणादिगेहिं भ० श्रारा० १५१२ पल्लस्स संखभागं तिलो०प०७-५४४ परसं कडुयं वयणं भ० श्रारा० ८३२ पल्लस्स संखभागं लद्धिसा० ३६ परु हम्मइँ धणु संचियइँ सुप्प० दो० ३१ पल्लस्स संखभाग लद्धिसा० ३६२ पलिदोवमट्टमंसे तिनो० प० ४-४२० पल्लस्स संखभाग लद्धिसा० २२६ पलिदोवमदसमंसो तिलो० ५० ४-५०१ | पल्लस्स संखभागं लद्विसा० १८० पलिदोवमद्धमाऊ तिलो० ५० ३-१५८ | पल्लस्स संखभाग लद्धिसा० ४०२ सुदख०३

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