Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 392
________________ १६६ पुरातन-जैनवाक्य-सूची - पढमाइ-जमुक्कस्स यमु० सा० १७३ (ख) , पढमुवसमसम्मत्तं भावति० १६ पढमा इंदयमढी तिलो. प० २-६६ / पढमुवसमसहिदाए गो० जी० १४४ पढमाग पुढवीए मूला० १०५५ । पढमुवसमिये सम्मे गो० क०६३ पढमाग पुढवीए वसु० सा० १७३ (क) पढमे अवरो पल्लो लद्धिमा० ११ पढमा च अणंतगुणा क्सायपा० १७२(३२२)। पढमे असखभागं लद्विसा० ६३० पढमा चउरो संता पघसं० ५-४४४ : पढमे असंखभाग लन्हिमा० ४८ पढमाण विदियाणं तिलो० ५० ४-७७० पढमे करणे पढमा लदिसा० ४६ पढमाणीयपमाणं सिलो० ५० ५-१६८५ । पढमे कुमारकाले तिलो. प० ४-५८२ पढमाणुभागखंड लद्विसा० ४७८ पढमे चरिमं सोधिय तिलो. १०८-११ पढमाणुयोगकरणा- अंगप० १-६० पढमे चरिमे समये ल द्विसा० ४६ पढमादिय(ए) उक्करमा + जव० ५० ११-१३७ । पढम चारमे समय लद्धिसा० २६४ पढमादियमुक्कस (स्सा)+ मूला० १११६ । पढमे छ8 चरिम । लद्धिसा० २२३ पढमादिया कसाया। गो० क० ४५ / पढमे छ? चरिम लद्धिसा० ४०० पढमादिया कमाया कम्मप० ११६ | पढमे जिणिदगेहं तिलो. सा० ७२२ पढमादिवितिचउक्के तिलो०प०२-२६ | पढमेण व दोवेण व भ० पारा०४३० पढमादिमंगहाम्रो लद्विसा० ४६३ पढमे तइयसरे गाइसु- आय. ति०१८-४ पढमादिसंगहाणं लद्धिसा० ५३६ पढमे दंडं कुणइ य पचसं०१-१६७ पढमादिसु दिज्जफर्म लदिसा. ४७६ | पढमे पक्खे पणगं छेदपि० १४० पढमादिसु दिस्सक्रम लद्धिसा० ४७७ पढमे विदिए जुगले तिलो. ५०८-५५७ । ढमादिमु दिस्सकम लदिसा. ५६१ तिलो०५०-५१७ पढमा दु अहतीसो तिलो० ५०८-३४१ । पढमे विदिए तासु वि पचस०५-४ पढमा दु एक्कतीसे निलो० ५०८-३३६ पढमे बिदियं तदियं मायपा० २१५(१६२) पढमादो गुणसंकम लद्विसा. पढमे बिदिये तदिये जवृ० १०२-10 पढमादोऽएमाणति पंचस० ४-६० पढमे भागम्मि गया जबू०प०३-१०३ पढमादो तुरियोत्तिय तिलो० सा० ८८२ पढमे मंगलवयण तिलो. प. १-२ पढमा परिमा ममिदा तिलो. मा. २२१ पढमे सत्त ति छक्क निली. सा०२०॥ पढमापुचजहां लद्विमा० ६६ पढमे सव्वे विदिये लविसा० २० पढमापुन्चरमादी लविसा.. पढमे मोयदि वेगे भ० भारा. १३ पढमा य मिद्धकूडा जय० ५०२-४६ । पढमो अणिनगामा तिली. ५० :पढमावेदे मंजलगाग- मदिमा० २६४ पढमो अधापवत्तो लदिसा. ३५० पढगावेदो तिविहं लदिमा० २६१ पढमो जंबूदीओ निलो०प०५-१३ पढमामणमिह बिन तिलो. मा० ११३ पढमो तेसु अदिक्कमदामोदपि ० ३२० पदमिल्लय()कन्छा जर० ५० ११-२०८ पढमो दमणघाई पमं० 1-10 (20) पडमिंटय पहुदीदो तिली०प०८-८ पढमो देवो चरिमा तिलो. मा. ४१ पढमिंटे दमगउदी. तिलो. मा. पढमो बिदिये तदिये नदिमा ४४२ पदमुगारिदगणागा गिलो. १०६-१ पढमो लोयाधागे तिन्नो प01-.. ... . पढगोवगिम्मि विदिया मिनोप. -21 'मन (क)मदिन प्रतिम नही, या पढमो विमाहरणामी निन्नी प० ५-१४ कि पार पनि में पानी श्रीर म गामा । पटमो मनमिमग विलीमा १२ निर्दिक ना भी है। पढमो मुद्धो मोलमु . .

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