Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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१७६
पुरातन-जैनवाक्य-सूची
दस चउदस अटारस
दव्यं असखगुणियकमेण दव्य खित्तं कालं दव्वं खु होड दुविहं दव्वं खेत्त कालं दव्वं खेत्तं काल दव्यं खेत्त कालं दव्यं खेत्त कालं दव्य खेत्तं काल दव्वं खेत्तं कालं दव्वं खेत फालं दव्यं छक्कमकालं दव्वं जहा परिणयं दम जावमजीवं दव्य ठारणं च फुडं दव्वं ठिदि गुणहाणी दव्वंतरसंजोगाहि दव्यं पल्लवविउयं दव्यं पढमे समये दव्वं विविहसहावं दव्वं विस्पसहाव दव्य समयपबद्ध दव्यं सल्लक्खणिय दव्च सहावसिद्धं दव्वाइं अणेयाइ दव्याण पज्जयाणं दव्वाणं खुपएसा * दव्याण खु पएसा* दव्वाणं खुपए(ये)सा दव्वाण च पएसो दव्वाणं सहभूदा दव्वाणि गुणा तेसिं दव्वादिएसु मूढो दव्वादिभेदभिएण दबादिवदिक्कमणं दव्वा विस्ससहावा दव्वुजोवो जोवो दव्वे उवभुज्जंते
दव्वे कम्म दुविहं • दवे खेत्ते काले . दवे खेत्ते काले
लद्विसा० १७२ / दवे खेत्ते काले
मूला० २६ सम्मइ० ३-६० व्वे खेत्ते काले
जंब० ५० १३-५० दव्वस० णय० २७४ दव्वे खेत्ते काले दव्यस० णय० १४६ भ० श्रारा०४५० दव्वेण य दव्वस्स य वसु० सा० ४४८ श्रंगप० २-५७ - दव्वेंण विणा ण गुणा
पचन्यि० १३ गो० जी० ३७५ दव्वेण सयलणग्गा
भावपा०६७ गो० जी० ४४६ ।। दव्वे धम्माधम्मे
सुदख० १२ मूला० ४६० | दव्वे वा सल्ले वा श्राय० ति० १८-३१ मुला० ८६३ दस अट्ठारस दसय : पचसं०४-१६ मूला० १००५ दस अट्ठारस दसयं" गो० क० ७६२ गो० जी० ६१६ | दसअधियछस्सयाई तिलो. प०४-१४४
सम्मइ०३-४ | दस केवलदुग वज्जिय सिद्धत० ३४ पघयणसा० २-३५ | दसगयणपंचकेसव- तिलो० मा० ८४५ श्राय० ति० १८-१६ दसगादिउदयठाणा- पसं० ५-४२
गो० क० ६२२ दसगुणपएणत्तरिसय- तिलो० सा० ३५३ सम्मइ०३-३८ दसगुण परणं पएण तिलो० सा० ६१४ सम्मइ०१-१२ दमगुदये अडवीसतिसने गो० क० ६८५ लद्धिसा० ५६६
दसघण केवलणाणी तिलो० ५० ४-११५७ दन्वस० णय० २७०
सुदभ० ७ दव्वस० गय०५६ / दस चउरिगि सत्तरसं
गो० क.०६३ गोक. १२४ दस चेव कला णेया जंवृ० प० ३-२०
पंचस्थि० १० | दस चोदसट्ट अट्ठारसयं गो. जी. ३४३ पवयणसा० २-६ दस-चोदस-पुवित्तं तिलो० ५० ४-६६६ भ० श्रारा० १८८० दसजोयणउच्छेहो तिलो० प० ४-२२१ कत्ति० अणु० २४५ | दसजोयणउदयाओ जंब० ५० ५-५६
णयच० ४७ | दसजोयण-उब्बिद्धो जव० प०३-१५६ दवस. णय २२०
तिलो० ५०८-६८ दवस. णय०२०
तिलो० प०४-२६१८ दवस० णय० १०२ दसजोयणलक्खाणं तिलो० प० २-१४६ दवस० णय०११ । दसजोयणाणि उवरि तिलो० प० ४-१०६ पवयणसा० १-१७
दसजोयणारिण गहिरो तिलो० ५० ४-१६५७ पवयणसा०१-८३
तिलो० प०४-१४० अंगप०३-१६
तिलो०प०४-१६६ मूला० १७१ | दसजोयणावगाढा
जबू• प० ६-२७ दवस० णय० १ | दसणउदिसहस्साणि तिलो० प० २-२०४ मूला० ५५५ | दस णव अह य सत्त य
गो० क० ४७५ समय० १६४ | दस णव अड सत्तुदया
पचस०५-३३६ | दसणवणवादि चउतिय
गो० क. ४८० मूला० ७०४ । | दसणवपएणरसाइंx
गो० क. ५१६ मूला० १७५ | दसणवपण्णरसाइंx पचसं०५-४६
जादा
गो० क०५४ ।

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