Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 371
________________ ट दो सणमज्झे दद्दू हू इच्छि दहूर चितिदूरण य दहू जिदपुरं दद्दू पारया णी टट्टू थूलखध - टट्टू थूलखधं देवठाणं + दहूण देठाणं + परकत्तं दहूण परकत्तं मयसिलिवं महद्धी दहूण मुक्कसं दहूण य उप्पत्ति ढणय मयत्तं रिसभसेल पडिचिवं x डिवि x ढ़ हवेज्ज तो सो दढलिएसु [य] मरण दढसजम मुद्दाए सुप्पो सूल हो पण - सरिस-मुहा दप्परगतलस मपट्टा दप्पणतलसारिच्छा दप्पणसममणिभूमी दप्पपमादाणाभोग दमणं च हत्थिपादस्स करि जीवहॅ पालियउ दय जि मूल धम्मंघिवहु भावो वि य धम्मो दयाविहीन धम्मा रवि पट्टा दलगाढवासमर गय दलितांतर safe afraid विद दवियदि गच्छदि ताई दवियं जं उपज्जइ प्राकृतपद्यानुक्रमणी भ० श्रारा० १३७६ | दव्य जागs जहठियाँ जाहि ताऍं छह दव्बई सयलहॅ वरि ठियहॅ दक्खराण सखा तिलो० प०८-२८० | दव्त्रगपढमे सेसे वसु० सा० १६३ | दव्त्रगुणखेत्तपज्जय यच० ६१ | दव्त्रगुरणपज्जएहिं दव्वस० ० २३१ | दव्वगुणपज्जया यच० ६२ | दव्त्रगुरणपज्जयाणं * दव्वस० य० २३२ | दव्वगुरणपज्जयाणं * दव्वगुणस्स य श्रादा भ० श्रारा० ६२४ वसु० सा० ८१ मिसा० २६ छेदपिं० ४८ जंबू० प० ७- १४७ दव्वट्टियवत्तव्व णयच० ५६ | दव्वट्ठियवत्तव्यं दव्वस० णय० २२५ छेदपिं० १७२ रिस० १६६ बोधपा० १६ वसु० सा० ११२ दव्वगुरगाण सहावा ढव्वस० ण्य० १६ तिलो० प० २-३१६ | दुव्व चयारि वि इयर जिय परम० प० २-२३ सु० सा० १६१ | दव्वट्ठिएण सव्वं पचयणसा० २-२ सम्मइ० १-६ सु० सा० ६५ | दव्वडिओ त्ति तम्हा धम्मर० १६१ | दट्टिश्रो वि होण दसपा० ३४ दव्वट्ठियणयपयडी सम्मइ० ०-२ सम्मइ० १-४ सम्मइ० ११० दव्वट्ठियवत्तव्व दव्वट्टियरस आया दस जो चे दव्त्रतियं वरिम दव्वत्थतरभूया दव्वत्थ दहभेयं x दव्वत्थं दहभेय x दव्यथिए जीवा दव्यत्थि य दव्व + भ० भा० ७७३ तिलो० प० ४- २४६७ जंव० प० १३-१०४ तिलो० प० ४-६०७ तिलो० सा० ७८८ म० प्रा० ६१२ | दव्वत्यिएसु (य) दव्व + भ० प्रा० १५६४ | दव्वत्थिकाय छप्पर सुप्प० दो० ३७ दव्वपयासमविचा मावय० दो० ४० | दव्वपरिवहरूवो कत्ति० श्रणु० ४१४ पाहु० दो० १४७ जंबू० प० ११-१६४ तिलो० ० सा० ६४७ तिलो० सा० ३५५ दव्वस० य० ३५ पचरिथ० ६ समय० ३०८ १७५ दव्वबलं गुणपज्जयदव्यसहावपयास roaiगहमिरणं मुणिदव्वसिदि भावसर्दि दव्वसुयादो सम्म दव्वस्त ठिई जम्म - विगमा दव्वं प्रांतपज्जय अयं परम० ५०२-१५ परम० प० २-१६ परम० प० २-२० श्राय० ति० १७-६ हिसा० २६० मूला० ५१ रयणसा० १४७ शियममा० १४५ रायच० ११ दव्वस० य० २२३ समय० १०४ सम्मइ० १-०६ सम्मइ० ३-०७ सम्मइ० १-११ सम्मइ० १-५२ गो० क० २४४ सम्मइ० ३-२४ गायच० १३ दव्यम० णय० १८५ णियमसा० १६ णयच० १६ दव्वस ० गाय० १८६ ग्यासा० ६४ भ० श्रारा० ६८६ ढव्वस० २१ श्रगप० २-५१ दव्वस० णय० ४२१ ढव्वस० ५८ भ० श्रारा० १७३ दव्वम० गाय ० २६६ सम्मइ० ३-२३ पचयणसा० १-४६ सुख० ४१

Loading...

Page Navigation
1 ... 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519