Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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पुरातन-जैनवाक्य-सूची
ल्ला
वणितले विक्खभो जंव० प० ११-२१ धादगिसंडस्स तहा जवू०प०११-३४ धरणिधरा उत्तुगा तिलो० प०४-३२७ धादगिसंडे दीवे
जवृ०प०11धरणिधरा विएणेया जब प०२-१३७ धादगिसंडो दीवो जबू०प०११-४३ धरणिदे अधियाणिं तिलो. प० ३-१४८ धादीदूदणिमित्ते
मूला० ४४५ धरणीपीठे णेया
जब० प० ४-२४ धादुगदं जह कण्य भ० श्रारा० १८५३ धरणी वि पंचवरणा तिलो. ५० ४-३२८ धादुमयंगा वि तहा तिलो०प०४-३८० धरणो वि पुंचवरणा जव० प० २-१३८ । धादो हवेज अण्णो म. थारा० ५८७ धरिऊण उड्ढजंघ वसु० मा० १६७ धारणगहणसमत्था
मूता० २३२ धरिऊण दिणमुहुत्तं तिलो. प. ७-३४४ धारंधयारगुविल
मूला०८६५ धरिऊरण लिंगरूवं जंबू० ५० १०-७२ | धारंधसार(यार)गहिले धम्मर 10 धरिऊण वत्थमेत्तं वसु० सा० २७१ । धारेत्थ सव्वसमकदि- तिलो. सा० ५३ धरिदं जस्स ण सक्क पचस्थि० १६८ धावदि गिरिणदिसोदं भ. श्रारा १७३ वरिय उ बाहिरिलिंग रयणसा० ६८ धावदि पिंडणिमित्तं
लिंगपा० १३ धवअट्ठावीस चिय श्राय. ति० १७-१६ धावति सत्थहत्त्था
भावस० ५७४ धवलभकूडसरिसा जव०प०१-४२ धिइणासो मइणासो
रिट्रस०३६ धवलहरपुडरीसुं जयू० प० ६-१०८ धित्तेसिमिदियाणं ।
मृला ७३३ धवलससिणिम्मलेहिं जबू० प०६-१०६
जवू०प०१५-३५३ धवलादबत्तचामर- जय० ५०५-२६ धिदिखेडएहि इदिय- भ० श्रारा० १४०० धवलादवत्तजुत्ता तिलो. प० ४-१८२३ धिदिधणिदबद्धक्च्छो भ० श्रारा० २०३ धवला महस्समुग्गय तिलो. सा. १०८ धिदिधणियवद्धच्छा भ. श्रारा० १५३८ धवलु वि सुरमउडंकियउ सावय० दो० १७४ | धिदिदेवीए समाणो तिलो० प० ४-२३३३ धंधइ पडियउ सयल जगि जोगसा० ५२ धिदिधदिणिच्छिदमदी मूला० ८७७ धंधइ पडियउ सयलु जगु * परम० प० २-५२१ । धिदिबलकरमादहिदं भ० श्रारा० ५०५ धंध पडियउ सयलु जगु* पाहु० दो०७ / धिदिवम्मिएहिं उवसम- भ० पारा० १४०५ धाउचउक्कस्स पुणो
णियमसा० २५ | धिद्धी मोहस्म सदा
मूला० ७३० धाउम्मि दिहपुवे श्राय. ति० ५-१५ धिभवद लोगधम्म
मूला० ७१८ धाउविहीणत्तादो तिलो. प०-२-१३५ धीरत्तणमाहप्प
म. पारा० १६४५ धादइगगारत्तदु तिलो० सा० १३५ धीरपुरिसचिण्हाई
भ. श्रारा० ५६८ धादइतरूण ताण तिलो० प० ४-२५६६ धीरपुरिसपएणतं भ. श्रारा० १६७६ धादइ-पुक्खरदीवा तिलो० सा० ६३४ धीरपुरिसेहि ज आ
म.'श्रारा० १४८४ धादइमंडदिसासुं तिलो० प० ४-२४८८ धीरेण वि मरिदव्वं
मूला० १०० धादइसंडपवरिणद- तिलो०प०४-२७६१ धीरो वइरागपरो
'मूला. ८६४ धादइसटपवरिणद- तिलो० ५०४-२८०६ धुदकोसुंभयवत्थं
गो० जी० ५६ वादइसंडप्पहुदि तिलो० प०५-२७५ | धुवअधुवरूवेण य
गो० जी० ४०१ धादइसडप्पहुदि तिलो० प०५-२७६
| धुववड्ढीवड्दतो
गोक०२५३ धाद इसडे दीवे तिलो०प०४-२५७१
धुवसिद्धी तित्थयरो
मोक्खपा० ६० धादइसंडे दीवे तिलो०प०४-२७८३ धुवहारकम्मवग्गण
गो० जी० ३८४ धादइसडो दीओ तिलो०प०४-२५२५ धुवहारस्स पमाणं
गो० जी० ३८७ धादइसंडो दीवो जबू० प० ५१-२ धुव्वंतचारुचामर
जबू०प०५-१११ धादगिपुक्खरमेस जवृ० प०११-१८ धुव्वंतधयवडाया
तिलो०प०३-६०

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