Book Title: Puratan Jain Vakya Suchi 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 375
________________ दंसणभट्ठो भट्टो - भट्ठो भ सभूमिहि बाहिर उ दसरणमवि चक्खुजुद समाराहंतेदसमूलो धम्म दंसणमोग्गहमेत्तं दसणमोहक्खवणा- x दसरण मोहक्खवरणा-x दंसणमोहक्खवरणा- x दसरणमोहक्खवणासमोहस्सुद दसणमोहस्सुवसामगो + दसरणमोहस्सुवसामगो + दसरण मोहस्सुवसामरणाए मोहति दसरा मोहुदयादो दंसणमोहुत्रसमण दसरा मोहवसमदो दसणमोहूणा दसरा मोहे विदे दमोहे विदे दुसणमोहे गट्टे दसरण - रहिय- कुपत्ति जइ दसरा - रहिय जि त करहिं दसण-वय- सामाइय - - प्राकृतपद्यानुक्रमणी भ० थारा० ७३८ | दंससुद्धो सुद्धो भ० श्रारा० ७३६ | दसरणसोधी ठिदिकरणसावय० दो० ५७ दस जं पिच्छियइ बुह परि० ४२ | सात सुहु दरुणु णाणु चरित्तु त दंमणपा० २ | दंसणु गाणु चरित्तु तसु दंस-मगो य मक्खिय भ० श्रारा० ४ सम्मइ०२-२१ कसायपा० १०६ (५३) पचस० १ २०२ गो० जी० ६४७ लद्धिसा० ११० दंसंति जत्थ प्रत्या दंसेइ मोक्खमग्गं दंसेहि य मस एहि य दाऊण जहा अत्यं दाऊण पुज्जदव्व दाउण मुहपड धवल पंचस० १-१६६ क्सायपा० ६१ (३८) पचसं० ६ - २०४ | दाणचरण विहि जे करहिं कसायपा० ५ | दाच्च विहि जो करइ भावति० ८ | दारणसमयम्मि एव गो० जी० ६४८ | दारणस्साहार फलं दिसा० २०५ | दाणं च जहाजोगं गो० जी० ६४६ | दापंतरायखइए लद्धिसा० १६२ पूजा मुक्ख गो० जी० ६४५ क्षे० १ पूजा सीलं लद्धिमा० १६४ दाणं भोयरणमेत्तं तिलो० प० १-७३ | दारणादिकुमदि कुसुद सावय० दो० ८१ दारणादिचऊ भव्वमसावय० दो० ५५ | दाणादियं च दंसणचारित्तपा० २१ दाणिं लब्भइ भोउ पर aruti दालिदं पचस० १-१३६ दा गो० जी० ४७६ बा० अणु० ६६ दा कुपत्तहँ दोसss दिउ मुणिवरहॅ वसु० सा० ४ दार श्रगप ० १ - ४६ ण धम्मु ण चागु ग ढाणे धरणं रमण भावति० ५ | दाणे लोहे भोए तिलो० सा० ६२३ दादू कुलिंगी कम्म० १५५ | दादूण केइ दा दादूपं पिंडग्गं दामेट्ठी हरिदामा ढायगपुरदो कि दायारेण पुरणो विय साचय० दो० ५६ दव्वस० णय० ३२८ | दायारो उवसंतो रयणसा० १२५ | दायारो वि य पत्तं दसरण-वय-सामाईय सरण-वय-सामाइय दंसण-वय-सामाइय दुसरण -वय-सामाइय " दसण-वय-मामाइय दसरवर क्यदो विराहिया जे दसण विसुद्धविरणयं दसणसंसुद्धाणं पत्रयणसा० २ - १०८ ते ०५ (ज०) सरण-सुद-तवचररणम- भ० प्रा० १८६६ दसणसुद्धा पुरिसा पवयणसा० १ - ८२ ते ०७ (ज० ) दस सुद्धि सुद्ध दस सुद्धिविसुद्धो दूसरणसुद्धो धम्मज्झाण ၇၄င် भोक्खपा० ३६ भ० धारा० १४२ जोगसा० ८४ परम० प० २-११ सावय० दो० २२४ परम० प० २-४० पंचस० १-७२ कत्ति० श्रणु० १२१ वोधपा० १४ भ० श्रारा० २५१ भ० श्रारा० १२७६ भावस० ४४० चसु० सा० ४२० सावय० दो० १९७ सावय० दो० २०६ वसु० सा० २३२ भावस० ४६३ वसु० सी० ३५८ जबू० प० १३-१३३, रयणसा० ११ रयणसा० १० रयणसा० ११ भावति ७६ भावति० ४० भावति ८६ परम० प० २-७२ रयणसा० २६ सावय० दो० ८६ परम० प० २ - १६८ रयणसा० १२ श्राय० ति० २१-१ वसु० सा० ५२७ तिलो प०४-३७३ तिलो० प० ४-३७१ तिलो० प०४-१५१० तिलो० सा० ४६६ मूला० ४५५ भावस० ५१५ भावसं ० ४६५ भावसं० ४६४

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