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प्रश्नव्याकरण सूत्र श्रु०१ अ०३ *******-*-*-*-*-*-*-*-*-*-****-*-*-*-*-********
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****************** . चोरों को दी जाती हुई भीषण यातनाएं ते.य तत्थ कीरति परिकप्पियंगमंगा उल्लंविजंति रुक्खसालासु केइ कलुणाई विलवमाणा अवरे चउरंगधणियबद्धा पव्वयकडगा पमुच्चंते दूरपातबहुविसमपत्थरसहा अण्णे य गय-चलण-मलणयणिम्मदिया कीरंति पावकारी अट्ठारसखंडिया य कीरंति मुंडपरसूहि केइ उक्कत्तकण्णोट्ठणासा उप्पाडियणयण-दसण-वसणा जिब्भिंदियछिया छिण्णकण्णसिरा पणिजंते छिज्जंते य असिणा णिव्विसया छिण्णहत्थपाया पमुच्चंते य जावजीवबंधणा य कीरंति केइ परदव्वहरणलुद्धा कारग्गलणियलजुयलरुद्धा चारगावहतसारा सयणविप्पमुक्का मित्तजणणिरक्खिया णिरासा बहुजण-धिक्कारसह-लज्जाइया अलज्जा अणुबद्धखुहा पारद्धा सी-उण्ड-तण्ह-वेयण-दुग्घट्टघट्टिया विवण्णमुह-विच्छविया विहलमइलदुब्बला किलंता कासंता वाहिया य आमाभिभूयगत्ता परूढ-णह-केस-मंसु-रोमा छगमुत्तम्मि णियगम्मिखुत्ता। तत्थेव मया अकामगा बंधिऊण पाएसु कड्डिया खाइयाए छूढा तत्थ य वग-सुणग-सियाल-कोल-मजारचंडसंदंसगतुंड-पक्खिगण-विविह-मुहसयल-विलुत्तगत्ता कयविहंगा केइ किमिणा य कुहियदेहा अणिट्ठवयणेहिं सप्पमाणा सुटु कयं जं मउत्ति पावो तुट्टेणं जणेण हम्ममाणा लज्जावणगा य होंति सयणस्स वि य दीहकालं।
शब्दार्थ-ते- वे, य- और, तत्थ - वहाँ, कीरति-करते हैं, परिकप्पियंगमंगा - अंगोपांग काट देते हैं, केई - कई या किसी को, उल्लंविजंति - उल्टा लटका देते हैं, रुक्खसालासु - वृक्ष की शाखा में, कलुणाई - करुणापूर्ण, विलवमाणा - विलाप करते हैं, अवरे - कई, चउरंगधणियबद्धा - हाथपांव चारों अंग दृढ़तापूर्वक बांध कर, पव्वयकडगा-- पर्वत के शिखर से, पमुच्चंते - गिरा देते हैं, दूरपात - दूर से गिराये हुए, बहुविसमपत्थरसहा - अत्यन्त विषम पत्थरों का आघात सहते हुए, अण्णेदूसरे, गयचलणमलणयणिम्मद्दिया - पृथ्वी पर डाल कर हाथी के पैरों से कुचले जाते हैं, पावकारीपाप करने वाले, अट्ठारसखंडिया - अठारह टुकड़े करके, मुंडपरसूहिं - कुण्ठित फरसे से, उक्कत्तकण्णोट्ठणासा - कान, ओष्ठ और नाक काट लेते हैं, उप्पाडिय - उखाड़ देते हैं, णयण-दसणआँखें, दाँत, वसणा - गुप्तांग-अण्डकोष, जिभिदियछिया - जीभ का छेदन कर लेते हैं, छिण्णकण्णसिरा - कान और सिर काट लेते हैं, पणिज्जते - वधस्थल पर ले जाते हैं, छिज्जते - काटते हैं, असिणा - तलवार से, णिव्विसया - निर्विषय-देश निकाला, छिण्णहत्थपाया - हाथ-पाँव काट देते हैं, पमुच्चंते - छोड़ देते या निकाल देते हैं, जावज्जीवबंधणा - जीवन पर्यन्त बन्दी, कीरति - करते हैं, परदव्वहरणलुद्धा - दूसरों के धन को हरण करने में लुब्ध, कारग्गलणियलजुयलरुद्धा -
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