________________
।। नमोत्थुणं भगवओ महावीरस्स ॥
* जैन तत्त्व शोधक ग्रंथ *
-
-
-
-
---
.
___ ग्रंथ कर्ता का मंगलाचरण :
प्रणम्य श्री महावीरं गौतमं गणिनं तथा क्रियते बाल वोधाय ग्रंथोऽयं तत्त्व शोधकः ।
चौवीसवें तीर्थङ्कर श्रमण भगवन्त श्री महावीर स्वामी एवं प्रथम गणधर श्री गौतम स्वामी को विधि पूर्वक वन्दन नमस्कार करके बाल बुद्धि जीवों के बोध प्राप्ति हेतु इस जैन तत्त्व शोधक नामक ग्रंथ का मैं (मुनि श्री टीकमदासजी) संकलन करता हूँ। अनुवादक द्वारा स्तुति :
नत्वा शांति जिनं देवं, सर्व विघ्नाय हारकम् । भव्यानामुपकाराय, ग्रंथोऽयं मयानुद्यते ।।
सर्वथा प्रकार से विघ्न बाधाओं के नाश करने वाले एवं विश्व में सम्पूर्ण शांति के प्रसारक भगवान श्री गांतिनाथ प्रभु को बन्दन नमस्कार करके भवी प्राणियों के हितार्थ इस तत्त्व शोधक ग्रंथ (जो गुजराती भाषा में संकलित है) का हिन्दी भाषा में मैं अनुवाद कर रहा हूँ।