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(१२६) ध्यान जो ध्याया जावे अर्थात् ज्ञान तथा योग निरोध के भेद । चलने वाला कौन है ? चलने वाला जीव तथा पुद्गल है । चलने में सहायता दे वह धर्मास्तिकाय है, चलना यह गति परिणाम है, स्थिर रहे वह कौन है ? स्थिर रखे वह कान है ? स्थिर रहने वाले जीव एवं पुद्गल स्थिर रखने में सहायता अधर्मास्तिकाय देवे । स्थिर रहना यह स्थिति परिणाम है। अवगाहन करने वाला कौन है ? अवगाहन करने वाले जीवादि छः द्रव्य हैं। अवगाहना में सहायता देवे वह आकाशास्तिकाय है । नवीनता जीर्णता किसकी है ? नवीनता व जीर्णता जीव व पुद्गल की है। व्यतीत होने वाला कौन है ? व्यतीत होने वाला काल हैं । नवीनता व जीर्णता का करने वाला भी काल है । भोगे व ग्रहण करे वह कौन है ? भोगे व ग्रहण किसका करे ? भोगे व ग्रहण करने वाला जीव है, भोगना ग्रहण करना लेना, छोड़ना, पुद्गल का होता है । कर्ता कौन है,? किया जाने वाला कौन है ? कर्ता जीव है, किये जाने वाले कर्म हैं। उत्पन्न होने वाला कौन है ? उपजाने वाला कौन ? उत्पन्न होवे वह कर्म, उपजावे वह जीव । ऐसे ही लगाने वाला जीव, लगने वाले कर्म, रोकने वाला जीव, रोकना संवर, जीव का निज गुण । टूटने वाले कर्म, बांधने बाला जीव, बंध करना यह क्रिया. वांधे कर्म,