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अनन्त पर्याय | ज्ञान का द्रव्य ज्ञान, गुण जानपना, पर्याय अनन्त द्रव्य गुण पर्याय को जाने इसलिये अनंत पर्याय, दर्शन का द्रव्य दर्शन, गुण श्रद्धा करना, पर्याय अनन्त द्रव्य पर्याय श्रद्धे, चारित्र का द्रव्य चारित्र, गुण कर्म तोड़ने का, तथा आरम्भ परिग्रह ममता घटने का, पर्याय अनन्त द्रव्य का ममत्व भाव घटा, अनन्त कर्म रोके, तप का द्रव्य, तप, गुण पूर्व कर्म क्षय करने का, खाने आदि की ममता घटाने का, पर्याय अनन्त वस्तु की ममता मिटी अनन्त कर्म टले, अनन्त पर्याय ।
॥ इति द्रव्य, गुण, पर्याय द्वार समाप्तम् ||
२०. द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव, गुण द्वार
१ - जीव द्रव्य से अनन्त, २ - क्षेत्र से सर्व लोक में, ३ - काल से आदि अंत रहित, ४-भाव से वर्ण गंध रस स्पर्श रहित, ५- गुण चेतना ।
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१- अजीव द्रव्य से अनंत, २ - क्षेत्र से लोक अलोक में, ३ - काल से नित्य, ४ - भाव से वर्णादि सहित भी है तथा रहित भी है, ५ - गुण से जड़ लक्षण ऐसे धर्म आदि पांच द्रव्य के पांच बोल पूर्व के समान ।